24 news update जयपुर/अजमेर/जोधपुर, 18 अप्रैल — “आपदा एवं संघर्ष प्रतिरोधी विरासत – विरासत की सुरक्षा के संबंध में कार्यवाही” थीम के साथ उत्तर पश्चिम रेलवे ने विश्व विरासत दिवस (18 अप्रैल) को पूरे हफ्ते हेरिटेज को समर्पित किया। रेलवे की ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने, संरक्षित करने और आमजन में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मंडलों, कार्यशालाओं, संग्रहालयों और स्टेशनों पर व्याख्यान, संगोष्ठियां, सेमिनार, प्रदर्शनी, प्रश्नोत्तरी और चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार, इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य रेलवे की समृद्ध विरासत को न सिर्फ जीवित रखना, बल्कि समाज को उससे जोड़ना भी है। अजमेर मंडल की वैली क्वीन ट्रेन इसका प्रतीक है, जो रेलवे की धरोहर और पर्यटन को जोड़ने का एक उत्तम उदाहरण बन चुकी है।
स्टेशन, संग्रहालय और कार्यशालाएं बनीं हेरिटेज चेतना के केंद्र
- अजमेर मंडल में डीआरएम कार्यालय को हेरिटेज थीम पर सजाया गया और रेल संग्रहालय को स्कूली बच्चों व आमजन के लिए निःशुल्क प्रवेश हेतु खोला गया।
- जोधपुर और अजमेर रेलवे वर्कशॉप्स में विरासत गैलरी को सजाया गया और सेमिनार, व्याख्यान तथा संवाद सत्रों का आयोजन किया गया।
- जयपुर मंडल के कोचिंग डिपो में बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें विरासत को रंगों से सजाया गया।
कर्मचारियों में भी दिखा हेरिटेज के प्रति उत्साह
17 अप्रैल को हेरिटेज सप्ताह की पूर्व संध्या पर रेलवे कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें भारतीय रेलवे की समृद्ध विरासत से जुड़े तथ्यों पर सवाल पूछे गए और कर्मचारियों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया। इन आयोजनों के माध्यम से उत्तर पश्चिम रेलवे ने यह संदेश दिया कि रेलवे सिर्फ एक यातायात प्रणाली नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत है, जो तकनीक, कला और इतिहास का संगम है। इस धरोहर को बचाने, सजाने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अब सिर्फ विभाग की नहीं, पूरे समाज की होनी चाहिए।
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