Site icon 24 News Update

900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में पूर्व मंत्री महेश जोशी को राहत नहीं – हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

Advertisements

24 News Update जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने मंगलवार को पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका खारिज कर दी। जोशी को ईडी ने 24 अप्रैल को 900 करोड़ रुपए के जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में गिरफ्तार किया था। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 8 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा गया था। मंगलवार को जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने यह आदेश सुनाया। मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में ईडी ने महेश जोशी पर विभागीय टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत लेने और अवैध लेन-देन का आरोप लगाया है। वहीं, जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेकराज बाजवा ने दलील दी कि मूल एसीबी केस में महेश जोशी का नाम तक नहीं है और उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।
जोशी की ओर से यह भी कहा गया कि ईडी ने जिस 2.01 करोड़ रुपए की राशि का हवाला दिया है, उसके पुख्ता सबूत मौजूद नहीं हैं। इसके अलावा, बेटे की फर्म में हुए 50 लाख रुपए के लेन-देन को भी लोन बताया गया, जिसे लौटाया भी जा चुका है।
ईडी का पक्ष
ईडी की ओर से अधिवक्ता अक्षय भारद्वाज ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि एसीबी की अन्य एफआईआर में महेश जोशी की भूमिका स्पष्ट है। रकम लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जोशी ने विभाग की टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत ली थी।
ईडी ने तर्क दिया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 45 के तहत जमानत तभी दी जा सकती है, जब कोर्ट को यह प्रथम दृष्टया संतोष हो कि आरोपी दोषी नहीं है। इस स्थिति में आरोपी के बाहर आने पर गवाहों को प्रभावित करने की आशंका भी बनी रहती है। ईडी मामलों की विशेष अदालत से जमानत खारिज होने के बाद जोशी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मगर अब हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी है।

Exit mobile version