24 News Update निम्बाहेडा कविता पारख। यहां प्रकृति श्रृंगारित हो रही है, कल- कल करती छोटी नदियां आपस में संगम करके मुख्य धारा में परिवर्तित हो रही है, यहां बम- बम भोले के जयकारे लग रहे हैं। देवी दुर्गा, दशा माता की पूजा, अर्चना, आराधना के साथ देश- समाज की समृद्धि के लिए प्रार्थनाएं की जा रही है।
बाबा रामदेव के भक्त यहां स्नान- ध्यान करके अपने यात्रा पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। वृक्ष मित्र, नेचर लवर्स, ग्रीन अर्थ सोसायटी के मेंबर्स अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए नदियों के आसपास क्षेत्र को और हरा-भरा बनाने के लिए श्रमदान के साथ पौधारोपण कर प्रकृति का वंदन पूजन कर रहे हैं।
यहां पर कई सैलानी नदी को स्विमिंग पूल मानकर स्नान का आनंद ले रहे हैं। कावड़ यात्री यहां से भक्ति भाव के साथ अमृत तुल्य जल भरकर महादेव जी के मंदिर तक ले जा कर भोले बाबा को प्रसन्न करने का उपक्रम कर रहे हैं। इसके एक तरफ जलिया पिपलिया गॉंव है तो दूसरी तरफ आक्या ग्राम।
अगर आप यहां प्रकृति का आनंद लेने जाना चाहते हैं तो आप अंबा माता मंदिर, श्री राम गौशाला होते हुए हाईवे पर चले जाएं, ठीक टोल नाके के समीप जो पुल बना हुआ है इसके पास से आप इन दो नदियों, कदमाली व दारू गांव से आ रही नदी के संगम स्थल पर आराम से पहुंच सकते हैं।
नदी के किनारे पौधारोपण किया जाए तो बेहतर होगा।
वर्षा के दिनों में इस स्थान की छटा निराली हो जाती है, चारों ओर हरियाली और अविरल बहती जल धाराएं इसे और अधिक आकर्षक बनाती है, इस पर सेलानियो के जमावड़े ने इसे पर्यटन स्थल का स्वरूप भी दे दिया है।
बस एक जो बड़ी कमी खटकती है, वह यह कि अधिक पानी के भराव एवं तेज जलधारा के चलते महादेव जी के मंदिर तक जाना दुष्कर है इसलिए ग्रीन अर्थ सोसाइटी ने प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से छोटी पुलिया अथवा रपट बनाने की अपील की है ताकि भोले के भक्तों को मंदिर तक जाने में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े।
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