24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। शहर के बालिका गृह में एक युवती से दुष्कर्म के आरोप में नया मोड़ सामने आया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ध्रुव कविया ने शनिवार सुबह बालिका गृह का निरीक्षण किया। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि जिस डॉ. अरविंद पर दुष्कर्म का आरोप है, वह पिछले पांच महीनों से केंद्र में नहीं आया है।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि डॉ. अरविंद ने उसे डरा-धमका कर कई बार दुष्कर्म किया। युवती के बालिग होने के बाद, 2 जून को उसका पति उसे बालिका गृह से लेकर गया, और पिछले एक माह से वह महाराष्ट्र में रह रही है। वहीं, युवती ने महाराष्ट्र के एक थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसे अब स्थानांतरण कर उदयपुर के सुखेर थाने में भेजा गया है।
एफआईआर में घटना स्थल का स्पष्ट उल्लेख नहीं
एफआईआर में यह उल्लेख नहीं है कि नारी निकेतन में दुष्कर्म किस स्थान पर और किन परिस्थितियों में हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी योगेश गोयल ने इसकी जांच एएसपी रामेश्वरलाल को सौंपी है।
तीन साल पहले किया था प्रेम विवाह, फिर आई मुश्किलों में
एफआईआर में युवती ने बताया कि उसने तीन साल पहले प्रेम विवाह किया था, तब उसकी उम्र मात्र 16 वर्ष थी। घर से भागने के बाद पिता ने उसके पति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस दौरान युवती को उदयपुर के बाल सुधार केंद्र भेजा गया, जहाँ उसके अनुसार, डॉ. अरविंद ने उसका शोषण किया।
महिला स्टाफ ने नहीं की कोई मदद, जबरन कराया गया गर्भपात
पीड़िता ने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया कि जब उसने इस घटना की जानकारी केंद्र की महिला नर्स किरण, टीचर पुष्पा और सीडब्ल्यूसी सदस्य यशोदा को दी, तो उन्होंने कोई मदद नहीं की। उल्टा, जब वह गर्भवती हुई तो जबरन गर्भपात करवा दिया गया।
नियमों के बावजूद पुरुष डॉक्टर का कथित प्रवेश
ध्रुव कविया ने मीडिया को बताया कि बालिका गृह में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है। नियमानुसार, केंद्र में तैनात मेडिकल पैनल में महिला डॉक्टरों की नियुक्ति अनिवार्य होती है। उन्होंने कहा, “केंद्र में पुरुष डॉक्टर की नियमित विजिट नहीं होनी चाहिए। फिर भी मामले की गहन जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
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