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- राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का पंचम दीक्षांत समारोह सम्पन्न
24 News Update जयपुर. राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर का पंचम दीक्षांत समारोह मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में धूमधाम से आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागडे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा की संवाहक बताया। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि ज्ञान के पुंज होते हैं। यहां विद्यार्थियों के समग्र विकास, बौद्धिक उन्नयन और व्यावसायिक दक्षता पर समान रूप से बल देना आवश्यक है। उन्होंने छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में उल्लेखनीय है और यह सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है।
श्री बागडे ने कहा कि आज केवल डिग्री प्राप्त कर लेना पर्याप्त नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु उन्हें कौशलयुक्त बनाना समय की मांग है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम से आगे बढ़कर शोध और नवाचार के लिए प्रेरित करें। उन्होंने राजस्थानी कहावत “पूत पालने में सिखावे” का उल्लेख करते हुए बाल्यावस्था से ही शिक्षा की मजबूत नींव पर बल दिया और सभी विद्यार्थियों से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय परिसर में एक-एक पौधा अपने परिजनों के नाम से लगाने का आह्वान किया। समारोह में राज्यपाल ने संविधान पार्क का भी अवलोकन किया और कहा कि यह परिसर विद्यार्थियों को शैक्षणिक ही नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से भी परिचित कराएगा। उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने मेडल एवं डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा है। पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने युवाओं को लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर देशसेवा हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। नेता प्रतिपक्ष एवं स्थानीय विधायक श्री टीकाराम जूली ने समारोह में शोध को बढ़ावा देने के लिए अपनी विधायक निधि से आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने ‘दीक्षांत’ शब्द के मर्म को समझाते हुए कहा कि यह केवल एक डिग्री समारोह नहीं, बल्कि ज्ञान के एक पड़ाव की पूर्ति और नई यात्रा की शुरुआत है। कुलपति प्रो. शील सिंधू पाण्डे ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय परिसर ग्राम हल्दीना में ₹6175 लाख की लागत से नवीन अधोसंरचना विकसित की जा रही है, जिसमें अकादमिक भवन, छात्रावास, खेल मैदान, अतिथि गृह आदि शामिल हैं। इस दीक्षांत समारोह में परीक्षा वर्ष 2024 के कुल 42,742 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इसके अतिरिक्त 72 पीएचडी शोधार्थियों को डिग्रियां और 46 विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए, जिनमें 1 कुलाधिपति पदक, 39 स्वर्ण पदक तथा 6 रजत पदक शामिल हैं।

