24 News Update चित्तौड़गढ़। शुक्रवार सुबह शहर के रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट और सैनिक स्कूल जैसे संवेदनशील स्थानों पर अचानक हुए बम धमाकों की खबर ने लोगों को दहशत में डाल दिया। कुछ ही मिनटों में अफवाह फैल गई कि शहर पर आतंकवादी हमला हुआ है। रेलवे स्टेशन पर कई लोगों के मारे जाने और दर्जनों के घायल होने की झूठी सूचना से हर कोई सकते में आ गया।
लेकिन यह कोई वास्तविक हमला नहीं था। दरअसल, यह राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ‘गांडीव एक्सरसाइज’ का हिस्सा था। दो दिन तक चलने वाले इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य स्थानीय पुलिस, प्रशासन और आपात सेवाओं की तत्परता और प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना है। चित्तौड़गढ़ को राजस्थान का पहला जिला चुना गया है, जहां यह अभ्यास हो रहा है।
रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट का मॉक सीन
अभ्यास की शुरुआत चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से हुई। स्थिति मानो वास्तविक धमाके जैसी बनाई गई थी। मॉक ड्रिल के अनुसार तीन लोगों की मौत और करीब 15 घायल होने की स्थिति दिखाई गई। स्टेशन के बाहर 3–4 संदिग्धों को जाते हुए दिखाया गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण बना। तुरंत जिला पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को हॉस्पिटल ले जाया गया। संदिग्ध अटैची और बम डिटेक्टर का उपयोग कर सुरक्षा टीम ने तलाशी अभियान चलाया।
कलेक्ट्रेट और सैनिक स्कूल में मॉक ब्लास्ट
रेलवे स्टेशन के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में ब्लास्ट की काल्पनिक स्थिति बनाई गई, जिसमें दो लोग घायल हुए। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया और घायलों को अस्पताल पहुँचाया। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस ने पूरे परिसर की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। अभ्यास का अगला पड़ाव सैनिक स्कूल था। यहाँ आतंकवादियों की घुसपैठ का मॉक सीन बनाया गया। बच्चों और स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाला गया और एनएसजी कमांडो ने स्कूल परिसर में संदिग्धों की तलाश की। पूरे इलाके में सायरन बजते रहे और अफरा-तफरी का माहौल बना।
प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
एसपी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि यह राष्ट्रीय स्तर की एक्सरसाइज है। अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग परिदृश्य बनाकर पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और एनएसजी टीम को सक्रिय किया गया। पूरे जिले में नाकाबंदी, वाहन जांच और तलाशी अभियान चलाया गया। आम लोगों को सुरक्षा और सतर्कता के संदेश दिए गए।

