युवाओं के कौशल विकास व क्षमता निर्माण की दिशा में बड़ा कदम : प्रो. सारंगदेवोत
24 News Update उदयपुर । जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय और वन इंडिया इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (जयपुर) के बीच शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा स्किल इंडिया मिशन के अनुरूप युवाओं की रोजगारपरक कौशल वृद्धि और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह पहल उच्च शिक्षा संस्थानों और तकनीकी संगठनों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर युवाओं के भविष्य को नई दिशा देने का कार्य करेगी।
एमओयू पर विद्यापीठ की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली, प्रो. जी.एम. मेहता और डॉ. हेमंत साहू ने हस्ताक्षर किए। वहीं वन इंडिया इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जयपुर की ओर से संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी विक्रम सिंह चिराणा, राम सिंह गोरा और रामचन्द्र भुरी ने दस्तखत किए। इस अवसर पर विद्यापीठ की वरिष्ठ शिक्षिका डॉ. सुनिता मुर्डिया, प्राध्यापक डॉ. धर्मेन्द्र राजौरा सहित विभिन्न संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे।
एमओयू के तहत दोनों संस्थानों ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति जताई है। इनमें प्रत्येक वर्ष कम से कम एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करना, एक सप्ताह से लेकर एक माह तक के लिए फैकल्टी एवं विद्यार्थी एक्सचेंज प्रोग्राम चलाना, शोधार्थियों का आदान-प्रदान करना तथा कौशल विकास के साझा कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है। इन गतिविधियों से विद्यार्थियों और शिक्षकों को नए अनुभव प्राप्त होंगे और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक एवं शोधपरक गतिविधियों से जोड़ने का अवसर मिलेगा। कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से विद्यापीठ और ओआईटी संस्थान मिलकर विभिन्न कौशल विकास परियोजनाओं का संचालन करेंगे। इन परियोजनाओं को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं तथा कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत मिलने वाले सहयोग से लागू किया जाएगा।
इस समझौते का सबसे महत्वपूर्ण पहलू विद्यापीठ परिसर में एक अत्याधुनिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना है, जो वन इंडिया इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जयपुर के सहयोग से बनाया जाएगा। यह केंद्र छात्रों और समुदाय को नवीनतम तकनीकी ज्ञान, उद्योग आधारित प्रशिक्षण तथा आधुनिक कौशल उपलब्ध कराएगा। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल मार्केटिंग और नई उभरती तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस पहल से युवाओं को बदलते औद्योगिक और व्यावसायिक परिदृश्य में सफल होने का अवसर मिलेगा और वे रोजगारपरक शिक्षा से सीधे लाभान्वित होंगे। इस मौके पर उपस्थित शिक्षकों एवं अधिकारियों ने इसे विद्यापीठ के लिए एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इस तरह की साझेदारियां शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच की खाई को पाटने में सहायक होंगी।
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