24 news update udaipur उत्तर पश्चिम रेलवे ने गुरुवार, 20 मार्च 2025 को रेल अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक प्रेरणा और तनाव प्रबंधन के साथ-साथ प्राचीन पोषक अनाज (मिलेट्स) के महत्व पर जागरूकता सत्र भी रखा गया।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, यह कार्यशाला जगतपुरा स्थित ऑफिसर्स क्लब के उत्सव हॉल में आयोजित की गई। इसमें आध्यात्मिक मार्गदर्शक एवं कवि श्री कृष्ण पाद दास (गुप्त वृंदावन धाम, जयपुर) ने तनाव प्रबंधन, प्रसन्नता और शांति पर प्रेरणादायक व्याख्यान दिया। इसके बाद, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के डॉ. सर्वेश अग्रवाल ने मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी साझा की। कार्यशाला में उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री अमिताभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
आध्यात्मिक जीवनशैली पर मार्गदर्शन
श्री कृष्ण पाद दास, जो कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, कई वर्षों से इस्कॉन और अक्षय पात्र संस्थान से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में भी व्याख्यान दिए हैं। इस सत्र में उन्होंने भागवत गीता की विवेचना करते हुए आध्यात्मिक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उपस्थित कर्मचारियों से मंत्रोच्चार कराया और उनके आध्यात्मिक प्रश्नों का उत्तर दिया।
मिलेट्स का स्वास्थ्य पर प्रभाव
डॉ. सर्वेश कुमार अग्रवाल (असिस्टेंट प्रोफेसर, स्वास्थ्यवृत एवं योग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर) ने अपने सत्र में बताया कि मौजूदा जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण कई बीमारियां बढ़ रही हैं। इनसे बचाव के लिए ज्वार, बाजरा, जौ और रागी जैसे मिलेट्स अत्यधिक लाभकारी हैं। उन्होंने मिलेट्स में मौजूद पोषक तत्वों और उनके अलग-अलग बीमारियों से बचाव में उपयोगी होने की जानकारी दी। इसके अलावा, उन्होंने रेलकर्मियों की आहार संबंधी समस्याओं पर चर्चा करते हुए उनके समाधान भी सुझाए।
विशेष प्रदर्शनी और सहभागिता
इस अवसर पर आध्यात्मिक पुस्तकों और मिलेट्स से बने विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
कार्यक्रम में महाप्रबंधक श्री अमिताभ, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी श्री पी.के. सिंह, महिला कल्याण संगठन के पदाधिकारी, कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में रेलवे अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों ने दोनों सत्रों को रोचक और ज्ञानवर्धक बताया और भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।

