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झुंझुनूं में गोली मार कर 25 से अधिक कुत्तों की निर्मम हत्या, वीडियो वायरल होने पर पुलिस हरकत में आई मामला दर्ज

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24 न्यूज अपडेट, झुंझुनूं। नवलगढ़ उपखंड के कुमावास गांव से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने कथित तौर पर 25 से अधिक आवारा कुत्तों की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना का एक वीडियो सामने आते ही पूरे जिले में सनसनी फैल गई और पुलिस को कार्रवाई में जुटना पड़ा।

वीडियो सामने आते ही मचा हड़कंप
यह घटना 2 और 3 अगस्त की बताई जा रही है, लेकिन इसका वीडियो 4 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति को बंदूक के साथ कुत्तों का पीछा कर उन्हें गोली मारते हुए देखा गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपी बाइक से अपने साथी के साथ आता है, कुत्तों को देखकर उनके पीछे दौड़ता है और नजदीक जाकर गोली चला देता है।

गांव में खून से लथपथ मिले शव
वीडियो सामने आने के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो गांव की कई गलियों में कुत्तों के खून से सने शव पड़े मिले, जिनकी संख्या 25 से अधिक बताई जा रही है। इस निर्मम कृत्य से गांव में दहशत का माहौल है और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।

आरोपी की पहचान और एफआईआर दर्ज
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान श्योचंद बावरिया पुत्र सुरजाराम बावरिया, निवासी डुमरा के रूप में हुई है। उसके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम सहित संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। नवलगढ़ थानाधिकारी के अनुसार, आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।

पूर्व सरपंच ने उठाई न्याय की मांग
हमीरी कलां गांव की पूर्व सरपंच सरोज झांझड़िया ने इस मामले को लेकर झुंझुनूं एसपी से मुलाकात की और लिखित शिकायत सौंपते हुए आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि आरोपी द्वारा दिया गया यह तर्क झूठा है कि कुत्तों ने उसकी बकरियों को मार डाला था। सरोज के अनुसार न तो किसी बकरी की मौत हुई और न ही किसी ग्रामीण ने कुत्तों से परेशानी की शिकायत की थी।

‘मुआवजे के लिए गढ़ी गई साजिश’
पूर्व सरपंच ने यह भी आशंका जताई कि यह घटना पूर्व नियोजित साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा, “श्योचंद और उसके साथी पहले भी गांव में देखे गए थे और अब ‘बकरियां मारी गई’ का बहाना बनाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जो उनकी मंशा पर सवाल उठाता है।”

पशु प्रेमियों और सामाजिक संगठनों में आक्रोश
इस घटना के बाद जिलेभर के पशु कल्याण संगठनों और सोशल एक्टिविस्ट्स ने भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मानवता के खिलाफ भी एक जघन्य अपराध है।

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