24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में महिला संविदा कर्मचारियों से नियमों के विपरीत वीसी आवास पर काम करवाने, उनके साथ कथित दुर्व्यवहार और जातिगत टिप्पणियों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा हैं। आज इस मुद्दे पर भूख हड़ताल शुरू हुई छात्रों की जिसमें पीड़िता ने साफ कहा कि उन्होंने वीसी के बंगले पर मीरा माथुर मैडम के कहने पर काम किया है। मैं गरीब, असहाय हूं। अब ज्वाइनिंग ही नहीं दे रहे, कहां जाउं। ऐसा कहते हुए वे रो पड़ीं। वे अपने बच्चों के साथ व्यथा सुनाने आईं थी। मगर वीसी ने मुलाकात से मना कर दिया। पड़िता ने कहा कि मेरी कॉल डिटेल चेक करवा लीजिए, साइन चेक करवा लीजिए। आखिर कब तक झूठ बोला जाएगा???
इधर, राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष की ओर से ट्विटर पर वीसी के खिलाफ कठोर टिप्पणी करने के बाद मामले को सीमित दायरे में बांधकर रखने की कोशिशें नाकाम होती दिखाई दे रही हैं। सुविवि प्रशासन ने कोर्ट का आदेश आने के बाद संविदाकर्मियों की हड़ताल को तो कुछ समय के लिए मैनेज कर लिया लेकिन दो महिला संविदाकर्मियों का संवदेनशील मामला मैनेज नहीं हो पा रहा है, हालांकि इसकी हरचंद कोशिशें जारी हैं। किसी भी तरह से परिवाद थाने की दहलीज का वापस लांघ कर उल्टे पांव लौट जाएं ताकि जांच की आंच का सामना विश्वविद्यालय को नहीं करना पड़े। और इस सबके लिए चौतरफा प्रयास शुरू हो गए हैं। यही नहीं इस मामले में भी कुछ वीसी बनने की चाहत रखने वाले किन्तु खुद कई जांचों का सामना कर रहे कुछ अवसरवादी अपने नंबर बढ़ाने के लिए अति सक्रिय भी नजर आ रहे हैं।
अभद्रता मामला सामने आने के बाद से ना तो पुलिस ने परिवाद पर कोई कार्रवाई की है ना ही सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रशासन ने। कमेटी बनाकर जांच तो दूरी की कौड़ी है।
अब मामले में नया मोड़ आज तब सामने आया जब विश्वविद्यालय कुलपति पर संविदा कर्मियों किरण तंवर और बेबी गमेती के गंभीर आरोपों की जांच व कार्रवाई की मांग को लेकर एनएसयूआई से जुड़े छात्र नेता हर्षवर्धन नाथ चौहान, जो आर्ट्स कॉलेज अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की तैयारी कर रहे हैं एवं दीपेश गुर्जर ने विश्वविद्यालय में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इन छात्रों ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपकर कुलपति के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही की मांग की है।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि प्रतापनगर थाने में शिकायत देकर कुलपति पर अश्लील और जातिगत टिप्पणी, तथा पोशाक को लेकर आपत्तिजनक बातें कहने का आरोप संविदाकर्मियों ने लगाया है। शिकायत वापस नहीं लेने पर किरण तंवर और बेबी गमेती को नौकरी से बाहर रखने की धमकी दी जा रही है। उनको न्यायालय के आदेश के बावजूद ज्वाइन नहीं करने दिया जा रहा है। छात्रों ने कहा है कि प्रशासन की इस कार्रवाई से संविदा कर्मियों का मनोबल टूट रहा है और यह साफ तौर पर जातीय और लैंगिक भेदभाव का मामला है। छात्र नेताओं का कहना है कि यही नहीं, शाम को पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भूख हड़ताल खत्म करने का दबाव बनाया गया और धमकाया गया कि मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा। साथ ही, आरोप लगाया गया है कि कुलपति ने छात्रों को बुलाकर रेस्टिगेट करने की बात कही व और कहा कि यह उनका याने कि छात्रों का मामला नहीं है।
हर्षवर्धन नाथ चौहान और दीपेश गुर्जर ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी दबाव में आने वाले नहीं हैं और जब तक किरण तंवर और बेबी गमेती को न्याय नहीं मिलता, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “यदि कुलपति हमें रेस्टिगेट करना चाहें तो करें, हम डरने वाले नहीं हैं।“
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.