
24 News Update नाथद्वारा। नाथद्वारा विधायक श्री विश्वराज सिंह मेवाड़ ने एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित कक्षा 8 की इतिहास पुस्तक (भाग 1, इकाई 3, पृष्ठ संख्या 71) में दर्शाए गए एक मानचित्र पर गंभीर आपत्ति जताई है। इस मानचित्र में मेवाड़ को मराठा साम्राज्य के अधीन दिखाया गया है, जिसे विधायक ने इतिहास की विकृति करार दिया है और इसे मेवाड़ के स्वाभिमान और स्वतंत्रता के विरुद्ध बताया है।
“इतिहास लेखन नहीं, इतिहास का अपमान” – विधायक मेवाड़
विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि एनसीईआरटी में इतिहास लेखन का उद्देश्य छात्रों को सटीक जानकारी देना नहीं, बल्कि भारत के स्वाभिमानी क्षेत्रों के गौरवशाली अतीत को धुंधला करना बन गया है। इससे पहले मेवाड़ को अंग्रेजों के अधीन दिखाया गया, और अब उसी पृष्ठ पर मराठा साम्राज्य के अधीन। आखिर इन ‘शिक्षाविदों’ को कौन शिक्षित करेगा?”
उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि मेवाड़ कभी भी न पूर्ण रूप से अंग्रेजों के अधीन रहा, न ही मराठों के। “क्या वे यह नहीं जानते कि मेवाड़ ने सदियों तक स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी? केवल मुगलों के खिलाफ नहीं, बल्कि हर बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ। बप्पा रावल से लेकर महाराणा प्रताप तक का बलिदान कोई किंवदंती नहीं, इतिहास का जीवंत सत्य है।”
शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी से की तत्काल सुधार की मांग
विधायक ने शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी से इस त्रुटिपूर्ण मानचित्र को संशोधित करने की तत्काल मांग की है। उन्होंने चेताया कि यदि ऐसे राजनीतिक या वैचारिक पूर्वाग्रहों के आधार पर इतिहास को परोसा गया, तो विद्यार्थियों की पीढ़ियाँ विकृत और भ्रमित इतिहास के साथ पल्लवित होंगी।
“इतिहास हमारी आत्मा का आईना है”
विधायक श्री मेवाड़ ने दो टूक कहा, “इतिहास सिर्फ एक विषय नहीं है, यह हमारी आत्मा का आईना है। इसे बार-बार विकृत किया गया तो हमारी आने वाली पीढ़ियाँ न अपना असली इतिहास जान पाएंगी, न ही अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ पाएंगी।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इतिहास को राजनीतिक हथियार बनाने के बजाय तथ्य और प्रमाणों के आधार पर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
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