कविता पारख
24 News Update निम्बाहेडा। कनेरा कस्बे में संपूर्ण विश्व को श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का संदेश देने वाले प्रसिद्ध संत श्री शुकदेव मुनि की तपस्थली श्री सुखानंद महादेव के निकट स्थित श्री गोपाल कृष्ण गौशाला एवं कल्पवृक्ष धाम अनोपपुरा में चल रही श्री राम कथा के आठवें दिन तुलसी विवाह एवं सर्व जातीय निशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन संपन्न हुआ । समिति के सचिव गीतालाल पचोरिया एवं रामनारायण बीर ने बताया कि प्रातःकाल 7रू00 बजे राजस्थान के भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ जिले एवं मध्यप्रदेश के नीमच जिले से 9 बारातो का आगमन ढोल नगाड़ों के साथ गौशाला में हुआ वहीं ठाकुर जी की बारात का आगमन अनोपपुरा मेवाड़ से हुआ घोड़ी पर सवार होकर बैंड बाजों एवं ड्रोन से पुष्प पुष्टि के साथ ठाकुर जी की बारात के आगमन से वातावरण आनंदित हो उठा । विवाह सम्मेलन के संयोजक छगनलाल धाकड़ एवं फूलचंद धंधोंलिया ने सभी 10 जोड़ों का पंजीयन किया उसके पश्चात सभी वर पक्ष द्वारा तोरण की परंपरा का निर्वहन किया गया सबसे पहले ठाकुर जी द्वारा तोरण की परंपरा का निर्वहन किया उसके पश्चात सभी जोड़ों ने भी तोरण की परंपरा निभाई उसके पश्चात गायत्री परिवार के आचार्य भेरूलाल बगड़,मूलचंद नायमा,तुलसीराम धाकड़ ने वैदिक मंत्रोच्चार से सभी जोड़ों का विवाह संस्कार संपन्न करवाया । कंवरलाल संगीतरा, बनवारी लाल धाकड़,दिलीप नायमा,राजेश धाकड़,मुकेश बगड़, चुन्नीलाल बगड़, किशोर संगीतरा,गीतालाल बगड़ ने सामूहिक विवाह सम्मेलन में जोड़ों को वैदिक रीति से क्रिया कलाप संपन्न करवाए । दोपहर में सभी जोड़ों ने व्यासपीठ का आशीर्वाद लिया व्यास पीठ द्वारा सभी जोड़ों के समृद्ध एवं मंगलमय जीवन की कामना की गई ।उसके पश्चात व्यास पीठ पर विराजित ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी महाराज के शिष्य पंडित नरेश शर्मा ने बताया कि गौशाला द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन समाज के लिए अनुकरणीय पहल हैश्री राम कथा प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि श्री राम कथा में माता शबरी को उनके गुरु ने आशीर्वाद दिया कि भगवान राम एक दिन तुम्हारे आश्रम पर आएंगे माता शबरी प्रतिदिन आश्रम पर आगमन की प्रतीक्षा करती शबरी के आश्रम पर भगवान आए एवं झूठे बेर खाए उसके पश्चात हनुमान जी के माध्यम से सुग्रीव का मिलन हुआ भगवान राम ने बालि का वध किया सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बनाया माता सीता की खोज आरंभ हुई हनुमान जी ने समुद्र को लांघकर लंका जाकर सीता की खोज की माता सीता का सारा वृत्तांत भगवान राम को सुनाया । कथा के समापन के अवसर पर पंडित शर्मा ने सभी उपस्थित मातृशक्ति एवं महानुभावों को प्लास्टिक के उपयोग को छोड़ने का संकल्प हाथ उठाकर कराया एवं बताया कि प्लास्टिक पर्यावरण एवं गौ माता सहित जन जीवन के लिए बहुत खतरनाक है उन्होंने जहर मुक्त खेती के लिए भी प्रेरित किया । उसके पश्चात पंडित विष्णुदास वैष्णव ने गौशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 1000 बीघा चारागाह भूमि पर यह गौशाला स्थित है गौशाला में वर्तमान में 500 गोवंश है । समापन पर महा आरती का आयोजन किया गया जिसमें महंत लालनाथ महाराज, गौशाला अध्यक्ष पुष्कर कुमार शर्मा, संरक्षक कृष्णपाल सिंह,प्यारचंद धाकड़, जगपाल सिंह,उपाध्यक्ष सतीशचंद्र राठी, सचिव गीतालाल पचोरिया, भेरूलाल गाजी,बंशीलाल धंधोंलिया, हीरालाल गाजी, पूर्व सरपंच नाथूलाल कहार,जगदीश गिरी, उमाशंकर बीर ,रामलाल चारण सहित सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने भाग लिया । कथा के समापन के अवसर पर महाप्रसादी का आयोजन किया गया । कथा के दौरान पुष्पक कर्मवीर सेवा संगठन के माध्यम से निशुल्क आयुर्वेद नेचूरोथेरेपी दर्द निवारक शिविर का आयोजन किया गया जिसमें थैरेपिस्ट प्रदीप राव मराठा, दीपिका बोरासी,ज्योति राठौड़, चंचल बैरागी, चंद्रशेखर मेनारिया द्वारा सेवाएं प्रदान की गई ।प्रतिदिन रात्रि में नवाहन पारायण पाठ का आयोजन किया गया जिसमें रामचंद्र बमतिया, प्रहलाद बंबोरिया, पुरण बीर, भेरूलाल बांगेडा, किशन गाजी,सहित कई कार्यकर्ताओं ने नवाहन पारायण पाठ किया । संपूर्ण आयोजन में कनेरा घाटा क्षेत्र सहित आसपास के हजारों श्रद्धालु गण उपस्थित थे ।’
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