24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। लोकसभा में जनसंख्या विस्फोट को लेकर डॉ. मन्नालाल रावत द्वारा पूछे गए प्रश्न पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जवाब प्रस्तुत किया। रावत ने देश में बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए सरकारी प्रयासों, योजनाओं और भविष्य की रणनीति पर स्पष्ट जानकारी मांगी थी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि भारत ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5, 2019-21) के अनुसार कुल प्रजनन दर (TFR) 2.0 तक ला दी है, जो जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। यह राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के अनुरूप है।
सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रमुख योजनाओं में नसबंदी, अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (IUDs), गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन (अंतरा), सेंटक्रोमन (छाया) जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, विशेष रूप से 13 राज्यों में “मिशन परिवार विकास” लागू किया गया है, जिससे इन सेवाओं की पहुँच बढ़ाई जा सके।
रावत ने यह भी पूछा कि क्या अधिक बच्चे पैदा करने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा। इसके उत्तर में मंत्री ने स्पष्ट किया कि फिलहाल इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दीर्घकालिक दृष्टिकोण से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार “विश्व जनसंख्या दिवस” और “पुरुष नसबंदी पखवाड़ा” जैसे अभियानों के माध्यम से जागरूकता फैलाती है और आशा कार्यकर्ताओं के जरिए घर-घर जाकर गर्भनिरोधकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है।
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