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मंगल कलश, परमानंद गार्डन और अशोका ग्रीन बिना लाइसेंस सीज, सवाल-एक नोटिस और दूसरे 8 महीने का अंतर क्यों, तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं?? नोटिस की क्या है स्टेण्डर्ड समय सीमा???

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। नगर निगम उदयपुर ने गुरुवार को बड़ी कार्यवाही करते हुए बिना अनुज्ञा संचालित तीन बड़ी वाटिकाओं को सीज किया गया। इसके साथ ही यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ कि क्या बड़ी वाटिकाओं को सीज करने में नगर निगम की ओर से जरूरत से ज्यादा देरी की जाती है। इन वोटिकाओं को तत्काल ही बंद कर दिया जाना था लेकिन सावे दर सावे इंतजार किया गया। पिछले दिनों इन वाटिकाओं में बहुत बड़ी जन भागीदारी वाले कार्यक्रम हुए थे। उनको तब क्यों सीज नहीं किया गया। नगर निगम के नोटिस की क्या मियाद होती है? कितना वक्त देना है यह समान रूप से तय होता है या फिर किसी खास की एप्रोच देख कर तय होता है। एक नोटिस व दूसरे के कालखंड में इतना ज्यादा अंतर साफ बता रहा है कि सबको समान रूप से ट्रीट नहीं किया जा रहा है। कई मामलों में तो निगम नोटिस की मियाद होते ही तुरंत दल बल लेकर पहुंचा जाता है जबकि ऐसे मामलों में मौका और अच्छे वक्त का इंतजार किया जाता है। आखिर नगर निगम एक लिस्ट अपनी वेबसाइट पर जारी क्यों नहीं कर देता जिसमें यह साफ-साफ बता दिया जाए कि कौन वैध है कौन नहीं, किसको कब नोटिस दिया गया है व अगले नोटिस की तारीख क्या आने वाली है??
निगम की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि शोभागपुरा 100 फीट रोड स्थित 3 बड़ी वाटिका बिना नगर निगम अनुमति के संचालित की जा रही थी। तीनों वाटिका संचालकों को निगम द्वारा नियमानुसार नोटिस जारी किए गए लेकिन फिर भी वाटिका संचालकों ने नोटिस को अनदेखा कर निगम कार्यालय में अनुज्ञा हेतु आवेदन नहीं किया। नगर निगम राजस्व अधिकारी नितेश भटनागर ने बताया कि सौभागपुरा स्थित अशोका ग्रीन वाटिका बिना निगम अनुज्ञा के संचालित की जा रही थी। निगम द्वारा सीज की कार्यवाही के पहले संचालक को 15 मई, 2024 और 3 जनवरी 2025 को नियमानुसार नोटिस दिए गए। इसके बावजूद संचालक ने निगम में लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया। इसी के साथ शोभागपुरा 100 फीट रोड स्थित ही मंगल कलश गार्डन एवं परमानंद गार्डन भी बिना अनुज्ञा संचालित किए जा रहे थे। इन्हें भी 14 मई 2024 और 3 जनवरी 2025 को एवं 15 मई 2024 और 3 जनवरी 2025 नोटिस दिए गए लेकिन इन्होंने भी अनुज्ञा हेतु आवेदन नहीं किया। निगम द्वारा दिए नोटिस को अनदेखा कर अनुज्ञा हेतु आवेदन नहीं करने पर निगम राजस्व शाखा द्वारा निगम आयुक्त राम प्रकाश के निर्देश पर राजस्थान नगरपालिक अधिनियम के विवाह स्थल पंजीयन उपविधि-2010 एवं राज्य सरकार की नवीनतम गाईड लाईन विनियम 2020 अन्तर्गत बिना अनुज्ञा / स्वीकृति / उपयोग परिवर्तन के तहत सभी 3 वाटिकाओं को आगामी आदेश तक सीज किया गया। नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश में गुरुवार को तीन वाटिका सीज करने के उपरांत स्पष्ट शब्दों में कहा है कि शहर में जो भी अवैध वाटिका संचालित की जा रही है उन सभी अवैध वाटिकाओं पर सीज की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए वाटिका संचालक अपने स्वयं के स्तर पर निगम में पहुंचे वाटिकाओं के संचालन हेतु वैद्य अनुज्ञा प्राप्त करें जिससे वाटिका उपयोग करने वाले को भी किसी समस्या का सामना नहीं हो।

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