✔ 18 फर्मों को नोटिस जारी, होगी एफआईआर दर्ज
✔ नगर पालिका अधिनियम के तहत सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान
✔ सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखने की अपील
📍 24 News Update उदयपुर | शहर की सुंदरता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए नगर निगम ने सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध पोस्टर और बैनर लगाने वालों पर कड़ा रुख अपनाया है। निगम ने मंगलवार को बड़े अभियान के तहत 18 फर्मों को नोटिस जारी किया और स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय में पोस्टर नहीं हटाए गए, तो एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
📌 क्यों हो रही है यह कार्रवाई?
नगर निगम आयुक्त आईएएस राम प्रकाश ने बताया कि उदयपुर में सार्वजनिक और राजकीय संपत्तियों पर पोस्टर और बैनर चिपकाने पर कई बार प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद इसके, कई प्रतिष्ठानों द्वारा नियमों की अवहेलना कर पोस्टर और बैनर लगाए जा रहे हैं, जिससे शहर की सुंदरता प्रभावित हो रही है। निगम की ओर से बार-बार चेतावनी देने के बावजूद जब यह गतिविधियां जारी रहीं, तो प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया।
📌 किन क्षेत्रों में हुई कार्रवाई?
नगर निगम ने मंगलवार को कोट भीतर, घंटाघर, जगदीश चौक, हाथीपोल, सूरजपोल और चांदपोल सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अवैध रूप से चिपकाए गए पोस्टर और लगाए गए बैनर पाए गए, जिसके बाद संबंधित 18 फर्मों को नोटिस जारी किए गए।
📌 क्या होगी सजा और जुर्माना?
नगर निगम पुलिस निरीक्षक मांगीलाल डांगी ने बताया कि यह कार्रवाई राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 297 क के तहत की जा रही है।
इस अधिनियम के तहत—
👉 पहली बार अपराध करने पर:
- एक वर्ष तक की जेल
- न्यूनतम ₹5000 और अधिकतम ₹10,000 तक का जुर्माना
👉 बार-बार अपराध करने पर:
- दो साल तक की जेल
- न्यूनतम ₹10,000 और अधिकतम ₹20,000 तक का जुर्माना
📌 नगर निगम की अपील
नगर निगम ने शहरवासियों, दुकानदारों और व्यापारियों से अपील की है कि वे सार्वजनिक स्थानों, सरकारी इमारतों, ऐतिहासिक स्थलों और मुख्य सड़कों पर पोस्टर-बैनर न लगाएं। ऐसा करने से शहर की स्वच्छता और सौंदर्य प्रभावित होता है, साथ ही यह कानूनी अपराध भी है।
यदि किसी फर्म या व्यक्ति द्वारा नियमों का उल्लंघन जारी रखा जाता है, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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