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पटवारी भर्ती फर्जीवाड़ा के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश, डमी अभ्यर्थी गिरोह के बाद अब फर्जी डिग्री सप्लाई करने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार

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24 News Update जयपुर, 5 दिसंबर। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता को ध्वस्त करने वाले संगठित गिरोह पर एसओजी ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पटवारी भर्ती घोटाले के नए चेहरे को उजागर कर दिया है। पटवारी भर्ती परीक्षा–2021 में डमी अभ्यर्थी बैठाकर चयन पाने वाले मुख्य आरोपी बलराम मीणा को फर्जी बीएससी डिग्री उपलब्ध कराने वाला सप्लायर मांगीलाल मीणा (निवासी शेरगढ़, कोटा) आखिरकार एसओजी के शिकंजे में आ गया।
जांच में खुला बड़ा राज: फोटो–हस्ताक्षर में असमानता से शुरू हुई कार्रवाई
प्रमुख शासन सचिव (कार्मिक) के निर्देश पर बूंदी जिले में गठित आंतरिक जांच कमेटी ने बीते 5 वर्षों में नियुक्त अभ्यर्थियों के दस्तावेज खंगालना शुरू किए थे।
इसी दौरान रोल नंबर 3269761 के अभ्यर्थी बलराम मीणा के आवेदन पत्र पर लगी तस्वीर और वर्तमान में पदस्थ कर्मचारी के फोटो व हस्ताक्षर बिल्कुल मेल नहीं खाए।
शंका मजबूत हुई तो पूरा प्रकरण एसओजी को भेजा गया, जहां मामला गंभीर मानकर एफआईआर दर्ज कर गहन अनुसंधान शुरू किया गया।

डमी से लेकर बिचौलिए तक—पूरी चेन उजागर
एसओजी ने तह तक जाते हुए जो जाल पकड़ा, उसने सिस्टम की कई परतें खोल दीं— परीक्षा देने के लिए बलराम की जगह उमेश कुमार चौधरी को डमी के रूप में बैठाया गया था। दोनों के बीच कड़ी बना मनफूल सिंह धायल, जिसने डमी मुहैया कराई। इस गैंग के तीनों प्रमुख चेहरे—मनफूल धायल और उमेश चौधरी—को 3 अक्टूबर 2025 को तथा मुख्य आरोपी बलराम को 24 सितम्बर 2025 को गिरफ्तार किया जा चुका है।

फर्जी डिग्री का बड़ा खेल—मोनाड यूनिवर्सिटी से हुई पुष्टि
आरोपी बलराम ने दस्तावेज सत्यापन के दौरान बीएससी (बायो साइंस) की जो डिग्री प्रस्तुत की थी, वह भी फर्जी निकली। मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़ से प्राप्त आधिकारिक विवरण में— सत्र 2012–15 की विज्ञान संकाय उत्तीर्ण सूची में बलराम मीणा का नाम नहीं मिला। उसकी प्रस्तुत मार्कशीट और डिग्री 100% फर्जी पाई गई।
कड़ी पूछताछ में बलराम ने खुलासा किया कि यह डिग्री मांगीलाल मीणा ने मोटी रकम लेकर उपलब्ध कराई थी। माँगीलाल इसी अवैध धंधे का मुख्य सप्लायर है, जो विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को फर्जी शिक्षण दस्तावेज उपलब्ध कराता था।
गिरफ्तारी के बाद नई कड़ियाँ तलाशने में जुटी एसओजी

एसओजी अब मांगीलाल से पूछताछ कर यह पता लगा रही है— इस नेटवर्क में और कौन–कौन शामिल है?
कितने अभ्यर्थियों को उसने फर्जी डिग्रियाँ ‘बेची’? क्या अन्य विभागों की भर्ती में भी इसी गिरोह का हस्तक्षेप रहा है? ‘नेटवर्क को जड़ तक खत्म करेंगे’—एडीजी विशाल बंसल एडीजी एसओजी विशाल बंसल ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी सीधी चोट है सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर।
उन्होंने स्पष्ट कहा— “कार्रवाई सिर्फ व्यक्तियों पर नहीं, बल्कि पूरे संगठित नेटवर्क को खत्म करने पर केंद्रित है। हर ऐसे तत्व को कानून के दायरे में लाया जाएगा।” ताजा कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि एसओजी भर्ती–माफिया के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर है। डमी अभ्यर्थियों से लेकर फर्जी डिग्री सप्लायर और बीच के हर बिचौलिए तक—सभी पर शिकंजा कसने की तैयारी है।

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