
24 न्यूज अपडेट, धौलपुर। सरकारी सिस्टम में खाओ खिलाओ संस्कृति जिंदाबाद थी, है और रहेगी। लाख दावे कर लीजिए, यहां पर बिना पैसों के पत्ता तक नहीं हिलता। एक डकैत पकड़ा जाता है तो दूसरे तैयार हो जाते हैं। मगर जो डकैत इनकी तैनाती करवाता है वो कभी नहीं पकड़ा जाता।
नगर परिषद में एसीबी की कार्रवाई जो कल सुर्खियां बंटोर रही थीं आज सवालों के घेरे में आ गई है। 12 घंटे की पूछताछ के बाद कमिशन-र साहब को छोड़ दिया गया है।
नगर परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ा एक्शन लेते हुए एईएन प्रिया झा, कैशियर भरत, यूडीसी नीरज, ड्राइवर देवेंद्र और संविदाकर्मी हरेंद्र को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि बकाया भुगतान के लिए कुल 3.10 लाख रुपए की रिश्वत ली जा रही थी। वहीं, नगर परिषद कमिश्नर अशोक शर्मा को 12 घंटे की पूछताछ के बाद गुरुवार को रात 3 बजे छोड़ दिया गया।
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भरतपुर अमित सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच में सामने आया कि कमिश्नर अशोक शर्मा ने 2 लाख रुपए, एईएन प्रिया झा ने 70 हजार रुपए, जबकि कैशियर भरत ने 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। प्रिया झा की मांगी राशि का सौदा 60 हजार रुपए में तय हुआ था।
घूस लेते हुए गिरफ्तार किए गए आरोपियों को निहालगंज थाना में रखा गया है और शुक्रवार को भरतपुर कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, कमिश्नर को छोड़ने पर एसीबी की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। नेता प्रतिपक्ष कुक्कू शर्मा ने आरोप लगाया कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन उच्च अधिकारियों से शिकायतों पर कार्रवाई की बजाय कमिश्नर को संरक्षण दिया जा रहा है।
यह मामला नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़ा करता है और आने वाले दिनों में इसका राजनीतिक और प्रशासनिक असर देखने को मिलेगा।
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