24 न्यूज अपडेट. यह मामला सरकारी भ्रष्टाचार और काली कमाई से अर्जित संपत्तियों के दुरुपयोग का एक प्रमुख उदाहरण है। PWD के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दीपक कुमार मित्तल ने अपने 28 साल के कार्यकाल में सरकारी वेतन से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की और अपने परिवार को करोड़पति बना दिया।
लेकसिटी उदयपुर घूसखोरों का गढ़ बनता जा रहा है। यहां पर आम चर्चा है कि जो भी आता है उपर की पोस्ट पर बैठ कर माल बनाता है और या तो रिसोर्ट या फिर होटल और अगर उसमें इटरेस्ट कम है तो रिश्वत के पैसे से प्लॉट या जमीन जरूर खरीदता है। मित्तल साहब ने भी उदयपुर में कोई कसर नहीं छोड़ी यहां पर दिल खोलकर जमीनें खरीदी। रिश्वत की बहती गंगा में हाथ धोने पर उनके हाथ इनते प्लॉट आए तो सोच लीजिए और कितने कितनों के हाथ कितना माल आया होगा???
मामले का विस्तृत विवरण
1. भ्रष्टाचार और संपत्ति अर्जन
- दीपक कुमार मित्तल 1996 में PWD में कनिष्ठ अभियंता (जेई) के रूप में भर्ती हुए थे।
- नौकरी से पहले उनके पास कोई संपत्ति नहीं थी, लेकिन 28 वर्षों में उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली।
- विभिन्न शहरों में पॉश इलाकों में जमीन खरीदी, जिससे उनकी अवैध कमाई का खुलासा हुआ।
2. परिवार के नाम पर खरीदी गई संपत्ति
खुद के नाम पर केवल 2 प्लॉट हैं, लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर महंगी प्रॉपर्टी खरीदी गई।
बेटे के नाम -6 प्लॉट हैं जिसमें से पांच उदयपुर में हैं। पत्नी के नाम पर कुल 5 प्लॉट हैं जिनमें से एक उदयपुर में, बेटी के नाम पर कुल 2 प्लॉट हैं जो दोनों उदयपुर में है, भाई के नाम पर एक 1 प्लॉट है जो उदयपुर में है
2022 में ही 6 प्लॉट खरीदे गए, जिनमें से कई महज 2 महीनों के भीतर खरीदे गए।
3. ACB की जांच और खुलासे
- 16 फरवरी 2024 को ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने दीपक कुमार मित्तल के ठिकानों पर छापेमारी की।
- रेड के दौरान 50 लाख कैश, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज और अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए।
- अधिकारियों के मुताबिक, इतनी संगठित तरीके से अवैध रूप से प्रॉपर्टी खरीदने का यह पहला मामला है।
- मित्तल का रहन-सहन उनकी घोषित आय से कई गुना अधिक था।
4. विभिन्न शहरों में खरीदी गई संपत्तियों का विवरण
| शहर का नाम | कुल प्लॉट | वर्षवार खरीदी गई संपत्ति | विशेष तथ्य |
|---|---|---|---|
| उदयपुर | 9 | 2015, 2022, 2023 | सबसे ज्यादा निवेश उदयपुर में किया |
| जयपुर | 4 | 2022 | पॉश कॉलोनियों में महंगे प्लॉट खरीदे |
| अजमेर | 3 | 2015, 2022, 2023 | 2015 में एक ही दिन 2 प्लॉट खरीदे |
| कुल संपत्ति | 16 प्लॉट | 2015-2023 | 2022 में सबसे ज्यादा प्लॉट खरीदे |
5. भ्रष्टाचार का पैटर्न
- एक ही दिन में बेटी को 2 प्लॉट गिफ्ट किए, जो आम तौर पर वैध तरीकों से संभव नहीं होता।
- पत्नी और बेटे के नाम पर अलग-अलग वर्षों में संपत्ति दर्ज करवाई।
- संपत्ति खरीदने का तरीका संदिग्ध रहा, जो भ्रष्टाचार और घूसखोरी की ओर इशारा करता है।
6. महत्वपूर्ण सवाल और असर
| सवाल | असर और संभावना |
|---|---|
| मित्तल ने इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की? | सरकारी प्रोजेक्ट्स में घूसखोरी और ठेकेदारों से कमीशन लिया होगा। |
| क्या इसमें अन्य अधिकारी या नेता भी शामिल हैं? | संभव है कि बड़े अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत हो। |
| ACB क्या कार्रवाई करेगी? | यदि सख्त कार्रवाई हुई, तो भविष्य में भ्रष्टाचार पर रोक लग सकती है। |
| क्या यह मामला कोर्ट तक जाएगा? | यदि पर्याप्त सबूत मिले, तो केस दर्ज होगा और कानूनी कार्रवाई संभव है। |
निष्कर्ष
यह मामला यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार किस तरह से एक सरकारी अधिकारी को अवैध रूप से करोड़पति बना सकता है। यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की खामियों को उजागर करता है। ACB की जांच और न्यायिक कार्रवाई यह तय करेगी कि क्या भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सकता है या नहीं।
आपका इस पर क्या मत है? क्या ACB को और कड़े कदम उठाने चाहिए?

