24 News update उदयपुर। “भाषाएं, मार्ग और वेशभूषा भले ही भिन्न हों, परंतु भाव और गंतव्य एक है – यही सनातन संस्कृति की विशेषता है। विविधता भारत की कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी शक्ति और सुंदरता है।” यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने शुक्रवार को विद्या निकेतन, उदयपुर में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग (शालेय विद्यार्थी वर्ग) के समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
अनिल ओक ने कहा कि कोई भी भारत को समाप्त नहीं कर सकता, क्योंकि इस राष्ट्र ने वीर सावरकर जैसे महापुरुषों को जन्म दिया है। उन्होंने सावरकर को “समर्पण की पराकाष्ठा” बताते हुए कहा कि उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया। उन्होंने कहा कि जब लोकशक्ति जागती है, तो सरकार और सेना को बल मिलता है। प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई सद्गुण होता है, बस उसे पहचानने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। यदि समाज के सभी गुणवान लोगों को उभार दिया जाए, तो राष्ट्र निर्माण की गति कई गुना तेज हो सकती है।
संघ के “पंच परिवर्तन” की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि स्व के प्रति गौरव रखें। हमारी भाषा, भूषा, भोजन, भवन, भ्रमण, भजन – सब कुछ स्वदेशी होना चाहिए। जो कुछ हमारे देश में उपलब्ध है, उसी का उपयोग करें, विदेशी पर निर्भरता त्यागें। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता और नागरिक कर्तव्यों को आवश्यक बताते हुए प्लास्टिक से बचाव, जल-बिजली की बचत, पारिवारिक संवाद और कुटुंब प्रबोधन पर बल दिया।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के वाक्य को उद्धृत करते हुए कहा – “प्रामाणिक रहो, निर्भय बनो, अपने स्व के गौरव पर अडिग रहो – तभी सशक्त भारत का निर्माण संभव है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि “राष्ट्र की एकता और अखंडता तभी संभव है जब हम अपने मूल्यों, संस्कृति और पहचान को समझें और अपनाएं।”
देश पहले – कर्नल जी. एल. पानेरी
समारोह के मुख्य अतिथि शौर्य चक्र से सम्मानित कर्नल जी. एल. पानेरी ने कहा, “संघ की परेड में बच्चों का अनुशासन देखकर मैं अभिभूत हूं। मेरे जीवन में अनुशासन सर्वोपरि रहा है – मैं आजीवन शाकाहारी रहा और नियमित व्यायाम करता हूं। ‘देश पहले आता है’ – यह भावना हर नागरिक के हृदय में होनी चाहिए।”
संघ शिक्षा वर्ग का समापन कार्यक्रम
कार्यक्रम की शुरुआत घोष रचना, ध्वजारोहण और प्रार्थना से हुई। 15 दिवसीय इस वर्ग में चित्तौड़ प्रांत के 27 जिलों के 207 स्थानों से आए 297 शालेय स्वयंसेवकों ने भाग लिया। उन्होंने सामूहिक समता, घोष, नियुद्ध, पद विन्यास, आसन, सर्वयोग, दंड एवं दंड युद्ध का प्रभावी प्रदर्शन किया।
वर्ग कार्यवाह अशोक सुथार ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह वर्ग छात्रों में अनुशासन, संगठन, और राष्ट्रभक्ति का भाव जगाने हेतु आयोजित किया गया।
विशेष आकर्षण
समारोह में “ऑपरेशन सिंदूर” पर आधारित प्रभावशाली झांकी प्रस्तुत की गई, जो देशभक्ति से ओत-प्रोत रही। इसके अतिरिक्त, प्रेरणादायक पुस्तकों हेतु साहित्य विक्रय स्टॉल, गौ संवर्द्धन और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु गौ-उत्पाद विक्रय केंद्र भी लगाया गया।
मंचस्थ अतिथि
समारोह के मंच पर उपस्थित प्रमुख अतिथियों में शामिल रहे:
- हेमेंद्र श्रीमाली – विभाग संचालक
- गोविंद अग्रवाल – महानगर संघचालक
- सरदार अमरसिंह – वर्ग सर्वाधिकारी
- अशोक सुथार – वर्ग कार्यवाह
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.