24 New update बीजिंग। उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन बुधवार को चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचे, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह कोविड-19 महामारी के बाद किम का पहला चीन दौरा था। बीजिंग में हुई इस अहम बैठक में दोनों नेताओं ने रणनीतिक सहयोग और आपसी रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की। बैठक के बाद का एक दिलचस्प वाकया अब सुर्खियों में है। ब्रिटिश मीडिया डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, किम के सुरक्षा गार्ड्स ने मीटिंग के बाद उनके इस्तेमाल का गिलास अपने साथ ले लिया। इतना ही नहीं, जिस कुर्सी और टेबल पर किम बैठे थे, उसे भी सावधानीपूर्वक साफ किया गया, ताकि वहां उनका कोई निशान न रह जाए।
जासूसी से बचाव या हेल्थ को लेकर सख्ती?
रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर युनाशेव ने बताया कि बैठक के बाद टेबल-कुर्सी की सफाई इतनी बारीकी से की गई कि वहां किम का कोई डीएनए या फिंगरप्रिंट न मिल सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम रूस या चीन जैसी बड़ी खुफिया एजेंसियों की संभावित जासूसी से बचने के लिए उठाया गया।
सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि किसी भी नेता का डीएनए या स्वास्थ्य जानकारी अगर दुश्मन देशों तक पहुंच जाए, तो वे उसकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि कई देशों की सुरक्षा एजेंसियां अपने नेताओं के विदेश दौरों पर उनकी हर व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए ऐसे कदम उठाती हैं।
स्वास्थ्य जानकारी लीक होना क्यों खतरनाक?
किसी भी नेता का स्वास्थ्य रिपोर्ट ‘टॉप सीक्रेट’ माना जाता है। अगर ये जानकारी लीक हो जाए तो दुश्मन देश राजनीतिक कमजोरी का फायदा उठा सकते हैं। फिंगरप्रिंट के जरिए सीक्रेट दस्तावेज़ों तक पहुंच संभव है, जबकि डीएनए रिपोर्ट से किसी नेता की बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति का खुलासा हो सकता है। ऐसी जानकारियां लीक होने पर जनता का भरोसा कमजोर पड़ सकता है और घरेलू राजनीति पर असर पड़ सकता है।
विक्ट्री डे परेड में शामिल हुए किम
बैठक के बाद किम और पुतिन ने साथ में चाय पी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया के समर्थन के लिए किम का आभार जताया। किम ने भी रूस के प्रति सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान दोनों नेताओं ने चीन की विक्ट्री डे परेड में भी हिस्सा लिया। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी विदेश दौरों के दौरान इसी तरह का सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाते हैं। पिछले महीने अलास्का में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के दौरान पुतिन के बॉडीगार्ड्स एक विशेष “पूप सूटकेस” लेकर पहुंचे थे, जिसमें उनका मल-मूत्र एकत्र किया गया। सुरक्षा कारणों से यह प्रोटोकॉल नया नहीं है, बल्कि रूस लंबे समय से इसका पालन करता आ रहा है।
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