24 News Update उदयपुर। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (RSCERT) ने प्राथमिक शिक्षा में वेलबीइंग और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए कक्षा 1 से 5 के लिए विकसित शिक्षक संदर्शिकाओं का लोकार्पण किया। इस पहल के साथ राजस्थान ने देश में एक अग्रदूत की भूमिका निभाई है।
ये संदर्शिकाएँ तीन वर्ष की विश्वस्तरीय अकादमिक शोध प्रक्रिया का परिणाम हैं, जिन्हें अमेरिकी संस्था ब्रिओ और राजस्थान में एक दशक से सक्रिय क्षमतालय फाउंडेशन के साथ मिलकर परिषद ने अपने दीर्घकालीन कार्यक्रम ‘ख़ुशीशाला- ख़ुद की खोज’ के अंतर्गत तैयार किया है।
राज्य के सभी 33 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से चुने गए 99 राज्य संदर्भ व्यक्तियों की कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में परिषद की निदेशक श्वेता फगेड़िया ने इन संदर्शिकाओं का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा—
“मानसिक स्वास्थ्य हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है। परिवार, समाज और शिक्षा व्यवस्था बच्चों पर बचपन से ही करियर और सफलता का दबाव डालते हैं। इस दबाव से जूझने के लिए उनके पास कोई तरीका नहीं होता, जिसके कारण किशोरों में अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। हमें अपने बच्चों की शांति और खुशी के लिए सामूहिक रूप से काम करना ही होगा।” इससे पहले कार्यक्रम की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आभा शर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर) ने बताया कि मार्च में 66 राज्य संदर्भ व्यक्तियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और उनका ऑनलाइन प्रशिक्षण जारी है।
परिषद इस वर्ष अक्टूबर में प्रत्येक डाइट जिले में 40 शिक्षकों को ‘ख़ुशीशाला’ कार्यक्रम में प्रशिक्षित करने जा रही है। इसके लिए 165 मास्टर ट्रेनरों का राज्य संदर्भ समूह तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर उपनिदेशक पीयूष कुमार जैन, प्रोफेसर अरुण कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर श्री चंद, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सूरज, कार्यक्रम निदेशक (ब्रिओ) गिरिराज किराडू और क्षमतालय की निदेशक अंजलि गुप्ते भी उपस्थित रहे। गौरतलब है कि राज्य स्तर पर शिक्षक प्रशिक्षण का यह निर्णय सिरोही और बांसवाड़ा में 60 विद्यालयों के 120 शिक्षकों के साथ हुए सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद लिया गया था। कार्यक्रम के अगले चरण में ‘ख़ुशीशाला’ को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके मॉड्यूल निर्माण की पहली कार्यशाला परिषद द्वारा इसी माह 26 अगस्त से आयोजित की जा रही है।
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