24 News Update उदयपुर। महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए बयान के बाद पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया एक बार फिर विवाद के केंद्र में आ गए हैं। इस बयान पर उपजे आक्रोश के बीच क्षत्रिय करणी सेना से जुड़ा एक आपत्तिजनक और धमकी भरा सोशल मीडिया पोस्ट सामने आया है, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस सतर्क हो गई है।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत के नाम से कटारिया के खिलाफ उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया गया है। पोस्ट में राज्यपाल पर महाराणा प्रताप के अपमान का आरोप लगाते हुए हिंसा के लिए भड़काने जैसे शब्द लिखे गए हैं। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है—एक वर्ग जहां कटारिया के बयान से नाराजगी जता रहा है, वहीं दूसरा वर्ग धमकी की भाषा को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बता रहा है।
पुलिस के संज्ञान में मामला, जांच शुरू
उदयपुर के पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया कि मामला पुलिस के संज्ञान में आया है और सोशल मीडिया पोस्ट की तकनीकी व कानूनी जांच की जा रही है। अभी तक राज्यपाल की ओर से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले किसी भी कृत्य को गंभीरता से लिया जाएगा।
क्या है विवाद की पृष्ठभूमि
यह पूरा घटनाक्रम 22 दिसंबर को उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र की धूली घाटी में हुए एक शिलान्यास कार्यक्रम से जुड़ा है। वहां अपने संबोधन में गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि महाराणा प्रताप का नाम पहले केवल लिया जाता था, लेकिन उन्हें वास्तविक पहचान और विकास कार्यों से जोड़ने का काम जनता पार्टी के शासनकाल में हुआ। इसी क्रम में उन्होंने हल्दीघाटी, चावंड, पोखरगढ़ जैसे ऐतिहासिक स्थलों के विकास और सड़क निर्माण का उल्लेख किया था।
हालांकि, उनके भाषण में प्रयुक्त “महाराणा प्रताप को पहली बार जिंदा करने” जैसी शब्दावली को लेकर क्षत्रिय संगठनों और कई इतिहासप्रेमियों ने कड़ी आपत्ति जताई। विरोध करने वालों का कहना है कि ऐसे शब्द इतिहास पुरुषों की विरासत को राजनीतिक विमर्श में सीमित कर देते हैं।
समाज को जोड़ने की अपील भी रही भाषण में
भाषण में कटारिया ने समाज को बांटने की राजनीति पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा था कि महाराणा प्रताप की सेना में भील समुदाय की अहम भूमिका रही और फूट डालकर राजनीति करने से देश कमजोर होता है। उन्होंने युवाओं से नशा, दिखावे और हिंसा से दूर रहकर शिक्षा, ईमानदारी और विवेक के साथ आगे बढ़ने की अपील की थी।

