24 News Update उदयपुर। कल्पवृक्ष रीडिंग क्लब, उदयपुर द्वारा आयोजित ऑनलाइन वर्कशॉप में पुस्तक समीक्षा लेखन पर चर्चित वक्ता डॉ. कुंजन आचार्य ने प्रतिभागियों को पुस्तक पाठन और समीक्षा लेखन के गहन दृष्टिकोण से अवगत कराया। कल्पवृक्ष बुक क्लब साहित्य के प्रति रुचि जागृत करने, पुस्तक-आधारित विचारों के आदान-प्रदान और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित मंच के रूप में सक्रिय है।
सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. आचार्य ने कहा कि पुस्तकों से भावनात्मक जुड़ाव अत्यंत आवश्यक है। जब पाठक मन लगाकर और भावनाओं से जुड़कर पढ़ते हैं, तभी साहित्य की गहराई और प्रभाव भीतर तक उतरता है। उन्होंने संपादकीय लेख पढ़ने की आदत पर भी जोर दिया, जिससे विश्लेषणात्मक सोच का विकास होता है और व्यक्ति समाज व समकालीन मुद्दों से गहराई से जुड़ पाता है।
डॉ. आचार्य ने यह भी कहा कि पठन सदैव अपनी रुचि के अनुसार होना चाहिए, वहीं सूचीबद्ध पठन से अनुशासन और सार्थकता आती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पढ़ना केवल साहित्य तक सीमित नहीं रहना चाहिए—ज्ञान हर विषय और विधा में निहित है। विविध विषयों का अध्ययन संवेदनाओं को समृद्ध करता है और भाषा को निखारता है।
वर्कशॉप में प्रतिभागियों को पुस्तक समीक्षा पर व्यावहारिक मार्गदर्शन भी दिया गया। डॉ. आचार्य ने बताया कि समीक्षा लेखन को जटिल बनाने की आवश्यकता नहीं है। यह पूर्वाग्रह रहित होनी चाहिए और समीक्षक को पुस्तक की अच्छाइयों व कमजोरियों दोनों को ईमानदारी से प्रस्तुत करना चाहिए। साथ ही, समीक्षा में यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि पुस्तक किस पाठक वर्ग के लिए उपयुक्त है।
इस विशेष सत्र में क्लब संस्थापक एवं कार्यक्रम आयोजक श्रीमती रुचि श्रीमाली सहित डॉ. अंजली जुयाल, डॉ. किरण शर्मा, श्रीमती रीना गुप्ता, श्रीमती सिमरन कालरा, श्रीमती पिंकी सोनी, श्रीमती बीनू राठौड़, सुश्री मिशा श्रीमाली, डॉ. लीना दवे, सुश्री रितिशा सहित कई सदस्य शामिल हुए।
कल्पवृक्ष रीडिंग क्लब की ऑनलाइन वर्कशॉप संपन्न: पुस्तक समीक्षा का नया दृष्टिकोण

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