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JNUSU चुनाव परिणाम घोषित: चारों पदों पर लेफ्ट यूनिटी का कब्ज़ा, अदिति मिश्रा बनीं नई अध्यक्ष, ABVP और NSUI को बड़ा झटका

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24 News Udpate नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (JNUSU) चुनाव 2025 के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इस बार चारों केंद्रीय पदों पर लेफ्ट यूनिटी ने एकतरफा जीत दर्ज की है।
AISA की अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद (President) पर जीत हासिल कर जेएनयू की नई स्टूडेंट यूनियन प्रेसिडेंट बनी हैं। वहीं, SFI की किजाकूत गोपिका बाबू उपाध्यक्ष (Vice President), DSF के सुनील यादव महासचिव (General Secretary) और AISA के दानिश अली सह सचिव (Joint Secretary) चुने गए हैं।

लेफ्ट यूनिटी की मज़बूत वापसी
इस चुनाव में तीन लेफ्ट संगठनों — SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया), AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और DSF (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन) — ने मिलकर लेफ्ट यूनिटी अलायंस बनाया था।
इन चारों उम्मीदवारों ने संयुक्त मोर्चे के तहत मैदान में उतरकर स्पष्ट बहुमत से जीत दर्ज की है।

ABVP और NSUI को बड़ा झटका
चुनाव में ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) और NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) दोनों ही कोई सीट नहीं जीत सकीं।
ABVP की ओर से विकास पटेल, तान्या कुमारी, राजेश्वर कान्त दुबे और अनुज उम्मीदवार थे, जबकि NSUI ने विकास बिश्नोई, शेख शाहनवाज आलम, प्रीति मलिक और कुलदीप ओझा को मैदान में उतारा था।

4 नवंबर को हुई थी वोटिंग, रातभर चली काउंटिंग
JNUSU चुनाव के लिए मतदान 4 नवंबर को हुआ था। वोटिंग के तुरंत बाद देर रात से ही मतगणना शुरू कर दी गई थी।
इस बार चार केंद्रीय पदों के लिए कुल 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जिनमें से चारों पद लेफ्ट यूनिटी के खाते में गए।

आंतरिक समिति (IC) चुनाव परिणाम भी जारी
इससे पहले 5 नवंबर को विश्वविद्यालय की आंतरिक समिति (Internal Committee) चुनाव के परिणाम घोषित किए गए थे।
डीन ऑफ स्टूडेंट्स मनुराधा चौधरी ने बताया कि—
UG कैटेगरी से गर्विता गांधी,
PG कैटेगरी से श्रुति वर्मा,
और PhD कैटेगरी से परन अमितावा
को छात्र प्रतिनिधि (Student Representative) के रूप में चुना गया है।
ये तीनों प्रतिनिधि अब जेएनयू की आंतरिक समिति में अपने-अपने वर्गों की आवाज़ बनेंगे।

नया नेतृत्व, नई उम्मीदें
लेफ्ट यूनिटी की यह जीत जेएनयू में छात्र राजनीति के रुझानों को एक बार फिर स्पष्ट करती है।अदिति मिश्रा ने कहा — “हमारा संघर्ष सिर्फ विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, समानता और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए जारी रहेगा।”

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