24 News Update उदयपुर। गायत्री परिवार शांतिकुंज, हरिद्वार की ओर से उदयपुर के सर्वऋतु विलास स्थित गायत्री शक्तिपीठ परिसर में पाँच दिवसीय आवासीय शिविर ’उत्कर्ष 2025’ का आयोजन किया गया। इस शिविर में 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 70 बालक-बालिकाओं ने भाग लिया। शिविर का उद्देश्य नई पीढ़ी को संस्कार, साधना, अध्यात्म और सकारात्मक जीवन मूल्यों से जोड़ना था। इस शिविर की खास बात यह रही कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखकर साधना, उपासना और आराधना को उनके जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी गई। दिन की शुरुआत योग, एरोबिक्स, ज़ुम्बा और प्राणायाम से होती थी, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित हो सके।
व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित सत्र
दोपहर के समय विभिन्न विषयों पर गतिविधिपूर्ण व्याख्यान आयोजित किए गए। विषय विशेषज्ञों ने ’पर्सनालिटी रिफाइनमेंट’, ’स्वच्छता एवं स्वास्थ्य’, ’सफल जीवन के चार सूत्र’, ’संबंधों का प्रबंधन’, ’नशा मुक्ति’, ’पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता’, ’खुशहाल जीवन’ और ’साधना की महत्ता’ जैसे विषयों को बच्चों के स्तर के अनुसार रोचक ढंग से खेल और गतिविधियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। दोपहर भोजनावकाश के बाद बालकों को विविध रचनात्मक और मनोरंजक गतिविधियाँ करवाई गईंकृजैसे सीड बॉल बनाना, नृत्य, गायन, वाद्य यंत्र बजाना और गमलों को सजाना। इन गतिविधियों से बच्चों में सहयोग, सृजनशीलता और आत्मविश्वास का विकास हुआ। शाम को बच्चे गुलाबबाग जाते, जहाँ वे रस्साकस्सी, खो-खो, डॉज बॉल, कबड्डी जैसे पारंपरिक खेलों में भाग लेते और प्रतियोगिताओं का आनंद लेते।
अभिभावकों के लिए विशेष कार्यशाला
शिविर के अंतिम दिन अभिभावकों के लिए एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका संचालन प्रणय त्रिपाठी ने किया। इसमें बताया गया कि बच्चों के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए जिससे वे नैतिकता और आत्मिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ें।
समापन समारोह में दी गई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
समापन समारोह में प्रतिभागी बच्चों ने शिविर में सीखी गई नृत्य, संगीत और वाद्य प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। समारोह के मुख्य अतिथि संरक्षक डॉ. आलोक व्यास थे, जबकि अध्यक्षता ललित पानेरी ने की। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को मेडल, प्रमाणपत्र और तुलसी का पौधा उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। विशिष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सफल आयोजन में समर्पित टीम का योगदान
शिविर को सफल बनाने में हेमांग जोशी, शुभम भटनागर, नवल शर्मा और अंकिता जोशी की टीम ने पूर्ण समर्पण से कार्य किया। महिला शक्ति की भूमिका भी अत्यंत सराहनीय रहीकृडॉ. अंजू श्रीमाली, रेखा असावा, रितु राठौड़, प्रियंका पानेरी, नेहल जोशी, अंजलि शर्मा और लक्षिता ने 24 घंटे बालिकाओं की देखभाल की। व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने में विवेक दवे, विनोद पांडे, शिवसुत राव, चयन त्रिपाठी, विशाल जोशी, खुश, शिवम, गौतम, प्रिंस और कृष्णवीर राठौड़ का विशेष सहयोग रहा। भोजनशाला की व्यवस्था राजेंद्र त्रिपाठी के मार्गदर्शन में बेहतरीन ढंग से संचालित हुई। शिविर की ’दिया टीम’ ने सभी अभिभावकों, गायत्री परिजनों और स्वयंसेवकों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग और विश्वास से यह शिविर अत्यंत सफल रहा।
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