24 न्यूज अपडेट, भीलवाड़ा। अंधविश्वास के दंश ने एक साल की मासूम बच्ची को दर्द और तकलीफ के दलदल में धकेल दिया। सांप के फूंकने जैसी बात पर परिजनों ने बच्ची को अस्पताल की जगह झाड़-फूंक और देसी इलाज की राह दिखाई। इलाज के नाम पर गर्म सरिए से दागने की क्रूरता उस मासूम के नन्हे शरीर को झेलनी पड़ी, जिससे उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई।
घटना शाहपुरा तहसील के बड़ेसर गांव की है, जहां खुशी नाम की एक वर्षीय बच्ची को उसकी दादी इलाज के बहाने एक देव स्थान पर ले गई। दावा किया गया कि बच्ची को सांप ने फूंकार मारी थी, जिसे ’तांत्रिक प्रक्रिया’ से ठीक करना जरूरी था। वहां झाड़-फूंक के साथ बच्ची को गर्म लोहे की छड़ से दाग दिया गया। समय बीतता गया लेकिन बच्ची की तबीयत सुधरने की बजाय और बिगड़ती चली गई। अंततः जब हालत नाजुक हो गई, तो सोमवार 2 जून को परिजन उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने तुरंत उसे पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू किया। खुशी के शरीर पर गर्म सरिए से दागे जाने के कई निशान हैं, जो अंधविश्वास की भयानक कीमत बयां कर रहे हैं। सौभाग्यवश अब उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
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