बेटियों ने फिर लहराया परचम, एमबीए में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ अव्वल
24 News update उदयपुर, 11 अप्रैल।
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह का आयोजन शुक्रवार को अत्यंत गरिमामय और भव्य वातावरण में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री डॉ. गजेन्द्र सिंह शेखावत को शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डी-लिट की मानद उपाधि से नवाजा गया। जैसे ही मंच से उनके सम्मान की घोषणा हुई, सभागार तालियों से गूंज उठा और पूरा माहौल गौरव से भर गया।
कार्यक्रम की शुरुआत एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर से हुई। इसके पश्चात केंद्रीय मंत्री शेखावत ने अपने ओजस्वी और प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि भारत अब केवल जनसंख्या बल नहीं, बल्कि गुणवत्ता आधारित प्रगति की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, डेटा साइंस, और मेंटल हेल्थ जैसे आधुनिक क्षेत्रों में अपना भविष्य तलाशना होगा।
उन्होंने भारत के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर भी चिंता जताते हुए कहा कि देश केवल 2% खाद्य उत्पादों को प्रोसेस कर पा रहा है, जबकि आने वाले समय में शहरी जनसंख्या का अधिकांश हिस्सा भोजन इंडस्ट्री से प्राप्त करेगा, न कि घर से। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम भोजन को न्यूट्रिशनल वैल्यू के आधार पर मापें, मात्र मात्रा से नहीं।
बेटियों की श्रेष्ठता का हुआ सम्मान
दीक्षांत समारोह में 97 पीएचडी धारकों को उपाधियां और 101 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। उल्लेखनीय है कि दोनों श्रेणियों में बेटियों ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया—65 छात्राओं को पीएचडी और 65 ही को स्वर्ण पदक मिले।
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को एमबीए में गोल्ड मेडल
समारोह का एक और विशेष आकर्षण मेवाड़ राजपरिवार के डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ रहे, जिन्हें एमबीए में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। उन्होंने पूरे समारोह में अत्यंत सादगी और विनम्रता का परिचय दिया और सामान्य विद्यार्थियों की पंक्ति में बैठकर सहभागिता निभाई।
सारंगदेवोत बोले: शिक्षा का लक्ष्य मोक्ष तक की यात्रा
कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने विद्यापीठ की विकास यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि 3 रुपए और 5 कार्यकर्ताओं से शुरू हुई यह संस्था आज 60 करोड़ के सालाना बजट और 10,000 से अधिक नियमित विद्यार्थियों के साथ एक शैक्षणिक वटवृक्ष बन चुकी है। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ का उद्देश्य केवल डिग्रियां देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में देवत्व जागृत करना है। उन्होंने शिक्षा को सत्य, न्याय और मोक्ष की दिशा में ले जाने वाला साधन बताया।
संस्थान में शोध की प्रगति पर उन्होंने बताया कि इस वर्ष 50 लाख रुपये की सीड मनी शोध कार्य के लिए शिक्षकों को प्रदान की जाएगी। 67 अंतरराष्ट्रीय और 173 राष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
गुणात्मक शिक्षा पर बल
समारोह को उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, एमपीयूएटी कुलपति प्रो. अजित कुमार कर्नाटक, कुलाधिपति प्रो. भंवरलाल गुर्जर ने भी संबोधित किया।
प्रो. कर्नाटक ने कौशल विकास, नवाचार और उद्यमशीलता को बदलते वैश्विक परिदृश्य की आवश्यकता बताया, वहीं प्रो. गुर्जर ने शिक्षा के स्वरूप में समयानुकूल बदलाव की बात की और रोजगार परक शिक्षा पर बल दिया।
अन्य प्रमुख सम्मान
- कर्नल विनोद कुमार बांगरवा को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
- दैनिक भास्कर के उदयपुर हैड प्रशांत कुकरेती को एमए अंग्रेजी साहित्य में स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
- कार्यक्रम में पूर्व एकेडमिक प्रोसेशन भी आयोजित हुआ जिसमें विश्वविद्यालय की सभी प्रमुख समितियों के सदस्य, डीन, डायरेक्टर और अधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय उपस्थिति
समारोह में राजसमंद विधायक दिप्ति माहेश्वरी, निवृत्ति कुमारी मेवाड़, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, पूर्व विधायक बी. एल. चौधरी, डॉ. युवराज सिंह राठौड़, डॉ. रश्मि बोहरा, प्रो. गजेन्द्र माथुर, प्रो. मंजु मांडोत, प्रो. कला मुणेत, प्रो. सरोज गर्ग, और शहर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन डॉ. हीना खान ने प्रभावशाली रूप से किया।
अंत में रजिस्ट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए समारोह को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया।

