24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। आसपुर मार्ग लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हडदास दास धाम बड़ा रामद्वारा में चातुर्मास कर रहे रामस्नेही संत तिलकराम ने सत्संग में बताया कि मछली समुद्र के पानी को गंदा करती है मगर समुद्र उसको कुछ नहीं कहता अवगुणों की ओर कोई ध्यान नहीं देता । अज्ञानी जीव राम का नाम याद कर ले तो भगवान उसका कल्याण करते हैं ।
संतो के शब्द ही रास्ता बनाने वाले होते हैं निर्मल व्यक्ति भी अपने जीवन का रास्ता बना लेता है । जब बोलने वाला पंछी उड़ जाता है तब शरीर से राख ही बचती है । मनुष्य अपने धन, पत्नी एवं बच्चों से प्रेम करते हैं मगर संत भगवान से । यह संसार एक ऋण का सपना है सभी रिश्तेदार यहीं मिलते व यही छुट जाते । मिट्टी का घड़ा टूटने पत्ता पेड़ से टूटने में कोई समय नहीं लगता वैसा ही शरीर है तथा चेतन होगा वह भवसागर पार होगा । संत ने कहा कि चातुर्मास आत्मनिरीक्षण और आत्मसंयम का काल कहलाता है । जब बाहर की यात्रा स्थगित होती है तो भीतर की यात्रा शुरू होती है ।आज मनुष्य के पास भौतिक सुख सीमित है लेकिन आत्मिक शांति असीम है । संयम से जीवन संतुलित रहता है और संयमहीनता ही हर अशांति की जड़ है । देशभक्ति का भाव 15 अगस्त, 26 जनवरी को हर बच्चे के मन में आ जाता है, वैसे ही लोगों के मन में धर्म करने का भाव इन दिनों में रहता है । लोगों के मन में इस समय पर धर्म करने की प्रबलता अधिक रहती है । युवाओं को अध्यात्म से जोडऩे के लिए उन्हें प्रेम और आनंद का पाठ सीखना पड़ेगा ,इसके बाद युवा अपने आप ही धर्म से जुड़ जाएगा । जीवन को सार्थक बनाने के लिए तन से सत्कर्म व मन से सद्भाव और बुद्धि से सत विचार रखने चाहिए । संसार सत्य दिखाता जरूर है परंतु वह असत्य होता है और भ्रमित करने वाला होता है, सांसारिक प्राणी स्वयं को कर्ता मानता है और अहंकारी जीवन जीते हैं लेकिन ज्ञानी पुरुष सब कुछ परमात्मा के अधीन मानता है और उसी को ही सच्ची श्रद्धा मानता हैं । मनुष्य को योग्य चिंतन विचार करके ही कर्म करना चाहिए । मनुष्यता की सार्थकता इस बात में निहित है कि मेरे कारण से किसी को कोई परेशानी ना हो । जैसा अच्छा अपने साथ चाहते हैं ,वैसा ही व्यवहार दूसरों से करें, यही धर्म है इसी में मनुष्य जीवन की सार्थकता है । प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने संत प्रसाद प्रभुलाल वाडेल परिवार का रहा। सत्संग में समिति अध्यक्ष सुधीर वाडेल, देवीलाल सोनी, अनिल सोनी, सुरेंद्र शर्मा के अतिरिक्त भानु सेवक, शकुंतला भावसार ,अनीता सोनी , हंसी परमार, मीठी परमार, कड़व परमार ,बदी रोत, संगीता सोनी, अनीता सुथार, प्रेमलता सुथार सहित रामस्नेही भक्त उपस्थित रहे।
फोटो-28 एसएजी 4। प्रभुदास रामद्वारा में कथा करते संत व आरती उतारते भक्तजन.
अज्ञानी जीव राम का नाम याद कर ले तो भगवान उसका कल्याण करते-संत तिलकराम महाराज

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