24 न्यूज़ अपडेट , जयपुर | “मां, मैं कश्मीर जा रहा हूं… घूमकर लौटूंगा” – जयपुर के नीरज उधवानी के ये अंतिम शब्द अब उनकी मां ज्योति के ज़ेहन में गूंज रहे हैं। पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में नीरज की मौत के बाद उनका घर मातम में डूबा है। मां बार-बार खुद से यही पूछती हैं – “अब वो कब आएगा?”
33 वर्षीय नीरज दुबई में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट काम करते थे। वे पत्नी आयुषी के साथ कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे। वहीं से कश्मीर घूमने का मन बना और वे बैसरन घाटी पहुंच गए। लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था – आतंकियों ने आयुषी की आंखों के सामने नीरज को गोलियों से छलनी कर दिया।
मां का टूटा कलेजा, आंखें बेटे की तस्वीरों में उलझीं
नीरज की मां ज्योति अब एक-एक पल बेटे की यादों में खो जाती हैं। उन्होंने बताया – “21 तारीख को कॉल आया था, उसने कहा- मां फ्लाइट थोड़ी लेट है, घूमकर मंगलवार को दुबई लौटूंगा।” लेकिन मंगलवार शाम घर पहुंची खबर ने परिवार की दुनिया उजाड़ दी।
दुख का आलम ऐसा कि परिवार को मां से 12 घंटे तक नीरज की मौत की खबर छुपानी पड़ी। जब सारी दुनिया में नीरज की मौत की पुष्टि हो चुकी थी, तब भी मां को यह कहने की हिम्मत किसी को नहीं हो रही थी कि अब उनका बेटा लौटकर कभी नहीं आएगा।
इंस्टाग्राम से शुरू हुई थी प्रेम कहानी, पुष्कर में रचाई थी शादी
नीरज और आयुषी की मुलाकात इंस्टाग्राम पर हुई थी। दोस्ती प्यार में बदली और फरवरी 2023 में परिवार की सहमति से शादी हुई। पुष्कर के एक रिसॉर्ट में शानदार डेस्टिनेशन वेडिंग हुई थी। दोनों को घूमने का शौक था, यही शौक उन्हें कश्मीर तक ले गया – जहां उनकी प्रेम कहानी एक दर्दनाक मोड़ पर थम गई।
‘फोन नहीं उठाती थी तो परेशान हो जाता था’
नीरज की मां ने बताया – “वो जहां भी होता, दिन में कई बार फोन करता। अगर मैं फोन नहीं उठाती, तो घबरा जाता था। कहता – ‘मां, नया फोन दिलाऊंगा, तू फोन क्यों नहीं उठा रही?’ अब वो फोन कभी नहीं आएगा…”
परिवार को नहीं सूझ रहा कि आयुषी को कैसे संभालें
नीरज की बुआ कहती हैं – “हमारी बहू के सामने ही हमारा बेटा दुनिया छोड़ गया। आयुषी की हालत सोचकर रूह कांपती है। उसे कैसे संभालें, कोई नहीं जानता।”
मां की अपील – ‘आतंकियों को खुलेआम मारो, तभी मिलेगा इंसाफ’
नीरज की मां ने गुस्से और पीड़ा से कहा – “मेरे बेटे ने मच्छर तक नहीं मारा, और उसे इस तरह मार दिया गया। अगर सरकार इंसाफ देना चाहती है, तो इन आतंकियों को ऑन द स्पॉट मारे। तभी किसी और मां की कोख सूनी नहीं होगी।”
हमले में 27 की मौत, पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
इस हमले में 27 लोगों की मौत हुई, जिनमें राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, नेपाल और यूएई के नागरिक शामिल हैं। यह पुलवामा (2019) के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
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