24 न्यूज अपडेट, सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग, लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हड़दास धाम बड़ा रामद्वारा में चल रहे चातुर्मास सत्संग में शाहपुरा धाम के रामस्नेही संत तिलकराम जी ने सोमवार को प्रवचन दिए। संत तिलकराम ने कहा कि भगवान राम ने इस भवसागर में जीवों के जीने का उत्तम प्रबंध किया है, लेकिन माया और भगवान के बीच पर्दा पड़ जाने से जीव माया में उलझ जाता है। माया से मन कभी नहीं भरता और वह साथ भी नहीं जाती। उन्होंने कहा — “भगवान के नाम में ही आनंद है। जिसके मुख में ‘राम’ नहीं, उस पर काल मंडराता है। भगवान के सामने सिर झुकाने से घमंड समाप्त होता है।” संत ने गुरु महिमा का वर्णन करते हुए कहा — “गुरु संसार में अद्वितीय है। वह शिष्य का मार्गदर्शन कर अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। सत्संग और स्वाध्याय से मन शुद्ध होता है और आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।” प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि आज का संत प्रसाद मंजुला सोमपुरा का रहा। सत्संग के दौरान ‘आयो राम को’ सहित भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष सुधीर वाडेल, नाथू परमार, सुरेंद्र शर्मा, विष्णु दोसी, विष्णु भासरिया, विजय पंचाल सहित अनेक पुरुष व महिला श्रद्धालु उपस्थित रहे।
माया से मन नहीं भरता, माया साथ नहीं चलेगी — संत तिलकराम

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