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मोबाइल मेडिकल यूनिट के स्वास्थकर्मियों को 6 माह से नहीं मिला वेतन, आर्थिक संकट में कार्मिक

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24 News Update निम्बाहेड़ा कविता पारख। जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, जांच और इवाईयां उपलब्ध कराने का काम करती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट के ठेकाकार्मिकों को 6 माह से भुगतान नहीं मिल पाया है। जिसके चलते यह कार्मिक आर्थिक संकट में आ गए है।
जानकारी के अनुसार श्री परमात्मा चन्द्र भंडारी चेरिटेबल ट्रस्ट जोधपुर द्वारा जिले में मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जा रही है लेकिन इसमें कार्यरत ठेकाकर्मियों ने बताया कि जनवरी 2025 से उन्हें भुगतान नहीं मिल पाया है और 30 जून 2025 को ठेका भी खत्म हो चुका है। ऐसे में अब यह कर्मचारी भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
ट्रस्ट और अधिकारी की आपसी खींचतान से कार्मिकों का नुकसान
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ के सीएमएचओ और चेरिटेचल ट्रस्ट के बीच कथित मतभेद और खींचतान के कारण इसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस यूनिट पर कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि कई बार ट्रस्ट के पदाधिकारियों से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि 6 माह से सीएमएचओ कार्यालय चित्तौड़गढ़ से भुगतान नहीं किया जा रहा है जिसके चलते वे भुगतान करने में असमर्थ है। गौरतलब है कि मोबाइल मेडिकल यूनिट उपखंड क्षेत्र में चिकित्सक और अन्य कार्मिको के माध्यम से चिकित्सा परामर्श उपलब्ध कराती है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिमाह 20 शिविर आयोजित होते है और एक यूनिट पर चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, फार्मेसिस्ट, लेब असिसटेंट और चालक आदि ठेके पर कार्यरत थे। ताकि मरीजों को सामान्य उपचार के लिए दूर अस्पतालों में नहीं जाना पड़े। यह सुविधा राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक गांव को रोग मुक्त बनाने के उद्देश्य से चलाई गई थी।
इनका कहना है
हमें सीएमएचओ कार्यालय से भुगतान नहीं मिला है। पिछले 6 माह के बिल बकाया चल रहे है। जैसे ही भुगतान मिलेगा कार्मिकों को भुगतान कर दिया जायेगा।
डॉ. सुरेन्द्र भंडारी, मैनेजिंग ट्रस्टी, पीसीबी ट्रस्ट जोधपुर।
वर्तमान में हमारे पास मोबाईल मेडिकल यूनिट का बजट नहीं है, इसलिए ट्रस्ट के भुगतान के बिल रुके हुए है। राज्य सरकार द्वारा बजट उपलब्ध कराने पर मोबाइल मेडिकल यूनिट का भुगतान ट्रस्ट को कर दिया जायेगा।
डॉ. ताराचंद गुप्ता, सीएमएचओ, चित्तौड़गढ़।

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