24 News Update भीलवाड़ा। भीलवाड़ा जिले के मांडल थाना क्षेत्र में शनिवार रात कानून व्यवस्था को चुनौती देती एक गंभीर घटना सामने आई, जहां गो-तस्करी के संदेह में ग्रामीणों ने तीन लोगों के साथ मारपीट की और उनकी पिकअप वैन को आग के हवाले कर दिया। जबकि पीड़ितों का दावा है कि उन्होंने पशुओं को वैध रूप से खरीदा था और पुलिस जांच में भी यह पुष्टि हो चुकी थी। फुलिया खुर्द गांव निवासी राजू लुहार, प्रतापगढ़ निवासी नाहर मोहम्मद और पिकअप चालक गोपाल रैगर शनिवार देर रात हमीरगढ़ क्षेत्र से दो जर्सी गाय और एक बछड़ा खरीदकर गांव लौट रहे थे। रास्ते में कुछ ग्रामीणों ने उन्हें रोककर गो-तस्करी का आरोप लगाते हुए मांडल पुलिस चौकी ले गए। पुलिस ने दस्तावेज़ और पूछताछ के बाद यह स्पष्ट किया कि खरीद वैध है और कोई आपराधिक गतिविधि नहीं हुई है। इसके बाद पुलिस ने उन्हें पिकअप सहित रवाना कर दिया।
एक किमी बाद फिर हमला
हालांकि चौकी से महज एक किलोमीटर दूर ही एक उग्र भीड़ ने फिर से उनकी पिकअप रोक ली। तीनों को वाहन से बाहर खींचकर पेड़ से बांध दिया गया और लाठी-डंडों से पीटा गया। इसके बाद गाड़ी से गोवंश निकालकर पिकअप में आग लगा दी गई। कुछ ही मिनटों में पूरा वाहन जलकर राख हो गया।
पुलिस की तत्परता, तीन हिरासत में
सूचना मिलते ही मांडल पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ितों को भीड़ से छुड़ाया। पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया और तीन लोगों को हिरासत में लिया है। जांच जारी है। इस कार्रवाई के विरोध में रविवार सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण और कथित गौभक्त मांडल थाने के बाहर जुट गए। उन्होंने ष्पुलिस प्रशासन हाय-हायष् के नारे लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि हिरासत में लिए गए लोग निर्दाेष हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सभी को छोड़ा नहीं जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने कुछ समय के लिए मांडल कस्बे की मुख्य सड़क पर जाम भी लगा दिया, जिसे पुलिस ने बाद में हटवाया।
क्या कहते हैं पीड़ित?
पीड़ित पक्ष का कहना है कि उन्होंने पशुओं की खरीदी कानूनी तरीके से की थी। उनके पास पूरे दस्तावेज़ भी थे, जो पुलिस को दिखाए गए। बावजूद इसके, उन्हें न सिर्फ पीटा गया, बल्कि उनकी संपत्ति भी जला दी गई।
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