24 News Update उदयपुर। राज्य सरकार की प्रशासनिक मशीनरी ने एक बार फिर शिक्षकों को भेड़-बकरियों की तरह हांकते हुए उन्हें मूल कार्य शिक्षण से दूर कर भेड़ निष्क्रमण नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी पर तैनात कर दिया है। जिले में भेड़ निष्क्रमण एवं नियमन वर्ष 2025-26 के लिए स्थापित 24×7 नियंत्रण कक्ष के लिए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को जबरन शिक्षा विभाग से हटाकर भेड़-बकरियों की निगरानी जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य में झोंक दिया गया है।
शिक्षकों ने इस आदेश का खुलेआम विरोध करते हुए इसे न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन बताया है बल्कि अपने पेशे की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला भी करार दिया है।
स्कूल खुले, और टीचरों को थमा दिया भेड़ों का चार्ट
माह जुलाई से शुरू हुए इस आदेश के तहत उदयपुर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ा रहे 10 से अधिक शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से अधिग्रहित कर ली गई हैं। इन्हें अब न्याय अनुभाग (कमरा नंबर 105) में भेड़ निष्क्रमण नियंत्रण कक्ष में बैठकर फोन उठाने, रिपोर्टिंग करने और भेड़-बकरी गणना जैसे कार्यों में लगाया गया है। आदेश में साफ कहा गया है कि यदि कोई शिक्षक या कर्मचारी स्थानांतरित हो गया हो, तो उसकी जगह तुरंत किसी और को भेजें, वरना अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
शिक्षक बोले -“हद हो गई, अब हम भेड़ गिनेंगे?“
राजकीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले इन शिक्षकों ने कहा कि यह आदेश शिक्षा की जड़ें कमजोर करने वाला है। एक शिक्षक ने नाराजगी जताते हुए कहा, “जब स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई का समय है, उसी दौरान हमें भेड़-निष्क्रमण केंद्र में बैठने भेजा जा रहा है। यह शिक्षक नहीं, भेड़-बकरी चरवाहा बनाने जैसा है।
ये हैं वो शिक्षक, जिन्हें शिक्षा नहीं, अब भेड़-बकरियों की देखरेख सौंपी गई है:
राजेन्द्र कुमार, अ.प्र.अ., रा.उ.मा.वि., बेलाणा, ऋषभदेव
मोहनपाल सिंह मुण्डावत, शा.शि., रा.उ.मा.वि., निकोर, सायरा
राजकुमार चौधरी, शा.शि., रा.उ.मा.वि., घणावल, सायरा
योगेन्द्र पाल, अध्यापक, रा.उ.प्रा.वि., कृष्णा कॉलोनी, वार्ड-8, गोवर्धन विलास
अंजु शर्मा, अध्यापक, रा.उ.प्रा.वि., अमरपुरा (खालसा)
राजकुमार शर्मा, अध्यापक, रा.उ.प्रा.वि., सलदरी, झाड़ोल
मनीष वेद, शा.शि., रा.उ.मा.वि., पलासमा, सायरा
कविता बोलियाल, अध्यापक, रा.उ.प्रा.वि., ढाणा, मेडता
विश्वजीत सिंह राणावत, अध्यापक, रा.उ.प्रा.वि., माधवपुरा, गोगुन्दा
पुष्कर लाल सुथार, शा.शि., स.उ.प्रा.वि., नाथियातल, गोगुन्दा
नाथुलाल सालवी, सहायक कर्मचारी, रा.उ.मा.वि., एकलिंगपुरा, उदयपुर
उदयलाल माली, सहायक कर्मचारी, रा.बा.उ.मा.वि., जगदीश चौक, उदयपुर
नहीं आए तो होगी कार्रवाई
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) वार सिंह द्वारा जारी आदेश में साफ लिखा गया है कि यदि कोई कार्मिक अनुपस्थित पाया गया, तो उसे आदेश की अवहेलना माना जाएगा और नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह भी कहा गया है कि यदि कोई शिक्षक स्थानांतरित हो गया हो, तो उसकी जगह तुरंत समकक्ष कार्मिक भेजा जाए।
शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला
शिक्षकों की इस जबरन ड्यूटी से साफ है कि राज्य की प्रशासनिक प्राथमिकताओं में शिक्षा सबसे निचले पायदान पर है। जब बच्चों की पढ़ाई और शिक्षकों का उपयोग केवल प्रशासनिक ‘फील्ड वर्क’ के लिए होगा, तो सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
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