24 News Update उदयपुर। इस्काॅन मंदिर गंगूकुण्ड की ओर से गुरुवार को आयोजित रथयात्रा महामहोत्सव को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला। रथयात्रा की पूर्व संध्या पर वैष्णव भक्तों और माताओं ने 11,000 प्रसाद पैकेट तैयार कर, रत्नाभूषणों एवं सुगंधित फूलमालाओं से रथ को सजाया। शाम को पूरे रथयात्रा मार्ग का गंगाजल से पवित्र प्रक्षालन और मार्जन कर शुभारंभ की तैयारी पूरी की गई।
मंदिर अध्यक्ष मायापुर वासी प्रभु ने बताया कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए रथयात्रा के मार्ग और समय में आंशिक बदलाव किया गया है। यात्रा प्रातः 8 बजे नागदा रेस्टोरेंट से शुरू होकर आनंद प्लाजा होते हुए यूनिवर्सिटी मार्ग से बोहरा गणेश चौराहे पहुंचेगी, जहां विभिन्न संस्थाओं और समाज संगठनों की ओर से भोग, श्रृंगार और महाआरती की जाएगी। इसके पश्चात रथ यात्रा धूलकोट चौराहा, श्रीराम कॉलेज से होते हुए पुनः इस्काॅन मंदिर पहुंचेगी, जहां सवा बारह बजे महाप्रसाद का आयोजन होगा।
भगवान के विग्रह का होगा भव्य श्रृंगार और दर्शन
रथयात्रा से पूर्व, प्रातः 6 बजे मंगला आरती के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी को वैष्णव माताओं द्वारा निर्मित नई पोशाक, फूलमालाएं और रत्नाभूषण पहनाए जाएंगे। इसके बाद तीनों विग्रहों को मुख्य मंच पर विराजित कर 5000 प्रकार के शुद्ध वैष्णव व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा और स्वागत आरती की जाएगी।
“पहंडी विजय” स्वरूप निकलेगा रथ
मायापुर वासी ने बताया कि “पहंडी विजय” परंपरा के अनुसार भगवान के तीनों विग्रहों को ब्रह्मचारी वैष्णव अपने हाथों में धारण कर लहराते हुए सुसज्जित रथ में विराजमान करेंगे। उसके बाद रथ को रस्सों से खींचते हुए नगर भ्रमण पर ले जाया जाएगा। यात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट, बैण्ड-बाजे, मृदंग, झांझर, मंजीरे और शंखनाद के साथ हरिनाम संकीर्तन होता रहेगा।
रंगोली, गोपी वेश में कलश यात्रा और सेवा भाव की मिसाल
रथयात्रा के मार्ग में मुंबई से आए भक्त आकर्षक रंगोलियां बनाएंगे। 101 माताएं केसरिया लाल साड़ी में गोपी वेश धारण कर सिर पर कलश लिए आगे चलेंगी। पुणे के श्यामानंद गौर प्रभु और वृंदावन के देवहरि प्रभु के दल के साथ वैष्णवजन इस्काॅन शैली में नाचते, गाते, झूमते हुए हरिनाम संकीर्तन करेंगे। महिलाएं आगे-आगे प्रसाद वितरित करती, झाडू लगाती, रस्सा खींचती और पीछे पवित्र मार्ग में कचरा उठाती जाएंगी — सेवा भावना की अनुपम मिसाल प्रस्तुत करते हुए।
पंचरत्न प्रभु का स्वागत, प्रवचन में बताया रथयात्रा का महत्व
इस आयोजन के विशेष अतिथि न्यूजीलैंड निवासी और राजस्थान संभाग प्रभारी पंचरत्न प्रभु के आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। मीडिया प्रभारी डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि पंचरत्न प्रभु ने अपने प्रवचन में रथयात्रा की महिमा बताते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ, विष्णु-कृष्ण के अवतार हैं, जो मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाने के लिए लकड़ी के बने रथ में नगर भ्रमण करते हैं। उन्होंने बताया कि पुरी में भगवान के विग्रहों को स्वयं विश्वकर्मा भगवान ने निर्मित किया था, और इस परंपरा को इस्काॅन भक्त विश्व भर में मनाते हैं। इस भव्य आयोजन में दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, हनुमानगढ़, जयपुर, वृंदावन सहित कई नगरों से इस्काॅन भक्त शामिल हुए हैं, जो पंचरत्न प्रभु के सान्निध्य में रथयात्रा की शोभा बढ़ाएंगे।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.