जयपुर/सलूम्बर, 17 अगस्त। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने अपना जन्मदिन इस बार जनजातीय समुदाय के बीच मनाकर एक मिसाल पेश की। जन्मदिन की पूर्व संध्या पर वे सलूम्बर जिले के ग्राम बरोड़ा पहुंचे और वहीं रात्रि विश्राम किया। गांव की चौपाल में खाट पर बैठकर उन्होंने ग्रामीणों से आत्मीय संवाद किया। राज्यपाल को अपने बीच पाकर आदिवासी समुदाय गदगद हो उठा, वहीं बच्चों ने अपनी रचनात्मक गतिविधियाँ प्रस्तुत कर उनका मन मोह लिया।
बच्चों को सुनाई प्रेरक कहानियाँ
राज्यपाल ने बच्चों को अपने स्नेह से अभिभूत करते हुए प्रेरक कहानियाँ सुनाईं और उनसे खूब पढ़ने व जीवन में आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने मेवाड़ की वीर भूमि, महाराणा प्रताप और युद्धों में भीलों की वीरता के किस्से सुनाकर बच्चों में उत्साह भरा।
जन्मदिन की सुबह समस्याओं पर संवाद
रविवार सुबह राज्यपाल ने आदिवासी समुदाय से उनकी समस्याओं और शिक्षा की स्थिति पर चर्चा की। भील समाज की परंपराओं के संरक्षण और विकास योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर भी विस्तार से बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
बच्चों के बीच काटा केक
राज्यपाल बाद में एकलव्य मॉडल स्कूल पहुंचे, जहां बच्चों के बीच उन्होंने जन्मदिन का केक काटा और सबसे पहले उन्हें ही खिलाया। बच्चों के साथ घुल-मिलकर उन्होंने ढेरों बातें कीं और उन्हें अपने जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी।
विकास योजनाओं पर जोर
राज्यपाल ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र एवं राज्य सरकार की विकास योजनाओं का अधिकाधिक लाभ आदिवासी समुदाय तक पहुंचाया जाए। उन्होंने लाभार्थी संवाद के दौरान चेक वितरण किया और आदिवासी उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि “किसान सम्मान निधि, आरोग्य योजना और शिक्षा से जुड़ी योजनाओं का लाभ हर गरीब और आदिवासी तक पहुँचना चाहिए। आदिवासी बच्चों की शत-प्रतिशत शिक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसमें हर संभव सहयोग किया जाएगा।”
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