24 News Update ब्यावर। राजस्थान की राजनीति में गुंडाराज जिस खतरनाक मोड़ पर खड़ी है, उसका ताजा उदाहरण ब्यावर में देखने को मिला। एक नागरिक, जिसने एक विधायक की बेटी के फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र का खुलासा किया, और जो साबित भी हो गया। उसी पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर दिया गया। आरोप है कि यह हमला कोई सामान्य हमला नहीं, बल्कि सत्ता से जुड़े लोगों की शह पर किया गया सुनियोजित वार था—ताकि सच्चाई सामने लाने वाले की आवाज हमेशा के लिए खामोश की जा सके।
दिनदहाड़े हमला, बदमाशों का खुलेआम आतंक
23 नवंबर…साकेत नगर का व्यस्त इलाका। कोर्ट से एक शिकायतकर्ता बाहर निकलता है। कुछ ही दूरी पर स्कूटी और बाइक पर आए पांच बदमाश अचानक रास्ता रोकते हैं और मारपीट शुरू कर देते हैं। लोहे की पाइपें, रॉड और लात-घूंसे…दृश्य ऐसा मानो कोई गैंग किसी दुश्मन को सबक सिखा रहा हो। पीड़ित फनीस कुमार सोनी किसी तरह सड़क से भागकर बिल्डिंग की ओर दौड़ता है, पर बदमाश पीछा करके उसे फिर जमीन पर पटक देते हैं।
लोग जुटने लगे तो हमलावर भाग खड़े हुए। CCTV फुटेज में पूरा घटनाक्रम साफ कैद हुआ।
क्यों बना निशाना? विधायक की बेटी के फर्जी सर्टिफिकेट की पोल खोली थी
फनीस कुमार ने दो साल से लगातार एक बड़ा मामला उठाया था— ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी कंचन चौहान द्वारा फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र लगाकर तहसीलदार का पद हासिल करना।
तथ्य बताते हैं— कंचन पहले पूरी तरह फिट बताते हुए महिला अधिकारिता विभाग में सुपरवाइज़र थीं। वहीं से इस्तीफा देकर RAS में 40% विकलांगता कैटेगरी का सर्टिफिकेट लगाकर पद हासिल किया। लेकिन मेडिकल बोर्ड की जांच में सिर्फ 8% की मामूली समस्या पाई गई। यानी सर्टिफिकेट फर्जी था। इसी धोखाधड़ी की शिकायत फनीस ने PMO तक कर रखी थी—और तब से वह लगातार निशाने पर था। खुद फनीस ने कहा कि दो साल में यह उन पर चौथा हमला है।
हमले से पहले कोर्ट में दिखा विधायक का मैनेजर
हमले से कुछ ही मिनट पहले फनीस ने वही चेहरा कोर्ट परिसर में देखा— विधायक का मैनेजर वीरेंद्र सिंह रावत। फनीस का आरोप है कि उसी ने संकेत किया और तुरंत बाद बदमाश उन पर टूट पड़े। राजनीति और अपराध का यह गठजोड़ कितना गहरा है, यह हमला खुद बयां करता है।
साकेत नगर पुलिस ने पांच हमलावरों को हिरासत में लिया है— मोहम्मद कैफ सौरभ किराड़िया मुकुल आनंद (इस पर 10 से अधिक प्रकरण) कमल किशोर लोहार (कई गंभीर अपराधों में नाम) ओमप्रकाश रावत नाम हैं। सवाल यह है—जो लोग पहले से अपराधी हैं, वे इतनी आसानी से खुलेआम हमला कैसे कर देते हैं? किसकी शह पर?

