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उदयपुर में जमीनों पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं के लिए खुशखबरी, डीपीएस मॉडल अपनाओं, करोड़ों की जमीन कौड़ियों में पाओ, खबर पढ़ो और काम पर लग जाओ….!!!

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📰 24 न्यूज अपडेट – उदयपुर

अगर आप उदयपुर में यूडीए की मिलीभगत से किसी जमीन को औने-पौने दामों में हथियाना चाहते हैं, और आपके पास पॉलिटिकल पावर भी है, प्रशासनिक सांठ-गांठ के लिए दलाल भी हैं,
तो इस खबर को पढ़कर आप डीपीएस मॉडल का इस्तेमाल अपनी सफलता के लिए कर सकते हैं।

यह कहानी किसी फिल्मी थ्रिलर से कम नहीं है। इसके किरदारों में उदयपुर यूडीए के कई सफेदपोश किरदार हैं, जो यूं तो अपनी ईमानदारी का झंडा बुलंद करके सम्मानित होते रहते हैं,
लेकिन अवसर आने पर बहती गंगा में हाथ धोने, जनता को चपत लगाने, और कानून की आंख में धूल झोंकने से नहीं चूकते।

इन अफसरों के पास यह सब करने का साहस आखिर कहां से आता है? यह जानना मुश्किल नहीं है,
क्योंकि इनके जैसे ही लोग ऊपर भी बैठे हैं।
पैसा ऊपर तक रोटेट होता रहता है और वक्त जरूरत के हिसाब से लाभार्थियों की फेहरिस्त में नेताओं, दलालों, जमीन माफियाओं का नाम जुड़ता और हटता रहता है।


📌 यह कहानी नहीं, दस्तावेजों पर आधारित हकीकत

हम उदयपुर के डीपीएस जमीन महाघोटाले की हकीकत बयां कर रहे हैं।
जो कुछ हुआ, उसे पढ़कर आप दांतों तले उंगली दबा देंगे।
अचरज करेंगे कि थोड़ा-बहुत भ्रष्टाचार तो आजकल कॉमन हो गया है,
लेकिन यहां तो उदयपुर की जमीन पर सरआम कई-कई बार सरकारी निगरानी में डाका डाला गया है।


📌 कहानी की शुरुआत

कहानी शुरू होती है किसी बड़े व्यक्ति के मन में “सेवा के बहाने मेवा कमाने” की उमड़ी इच्छा से।


📌 “कम या ज्यादा” वाला खेल

सोसायटी की तमन्ना रही कि उसी पुरानी दर पर जमीन मिल जाए तो सोने पर सुहागा

यानी 11 हजार 163 वर्गफीट का अंतर था।

📜 सरकार को भेजी चिट्ठी – “वृहद जनहित” का मासूम खेल

बड़ी ही मासूमियत के साथ चिट्ठी में लिखा गया:

श्रीमान जी से निवेदन है कि मंगलम एज्यूकेशन सोसायटी (डीपीएस) ग्राम रूपनगर (भुवाणा) तहसील बडगांव जिला उदयपुर (राज.) में स्थित है,
जिसका उद्देश्य सोसायटी के नियमानुसार लोकहित में शिक्षा का सर्वांगीण विकास / समाज में गरीब जरूरतमन्दों को शिक्षा / संस्कार देने का है।
सोसायटी का किसी भी प्रकार से लाभ के उद्देश्य से कोई भी व्यवसायिक कारोबार / लाभ-हानि का उद्देश्य नहीं है,
मात्र समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार अन्तिम छोर पर बैठे बच्चों तक पहुंचे।
उसी अनुरूप कक्षा-कक्षों का निर्माण, प्रयोगशाला का निर्माण, खेल मैदान का निर्माण, छात्रावासों का निर्माण, छात्रों को आधारभूत सुविधाएँ प्रदान करने हेतु
वृहद जनहित में कार्य किया जा रहा है।

श्रीमान जी से अनुरोध है कि मंगलम एज्यूकेशन सोसायटी उदयपुर द्वारा वृहद जनहित में बनाए गए विद्यालय को
आवंटित भूमि एवं वर्तमान में कब्जाशुदा जमीन का पुनः लोकहित में सोसायटी के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सर्वे करवाकर
अतिशेष कब्जाशुदा जमीन (जो साइट प्लान अनुसार सोसायटी के पास है) का शुल्क पूर्व की दर पर निर्धारित करते हुए
पट्टा / नियमन की कार्यवाही करने का श्रम करें।”


📌 जमीन के आंकड़े और “कम या ज्यादा” का जादू

जबकि वास्तव में गणना में पता चला कि जमीन 8 लाख 80 हजार 221 वर्गफीट थी।

📜 कांग्रेस सरकार की मेहरबानी और जांच रिपोर्ट का सच

📌 कांग्रेस सरकार की मेहरबानी

चिट्ठी पर कांग्रेस सरकार मेहरबान हो गई।
सरकार को लगा कि सचमुच कोई ऐसा महापुरुष आ गया है,
जो उदयपुर जैसे टीएसपी (Tribal Sub-Plan) क्षेत्र में
आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए बेहद गंभीर है और तस्वीर बदलना चाहता है।

इस पर सरकार में बैठे महान लोगों ने स्कूल को 60 समाजों की सूची में शामिल करते हुए 99,870 वर्गफीट जमीन आवंटित कर दी।

📍 अचरज की बात:
इस जमीन में 50,274 वर्गफीट के दो टुकड़े भी शामिल थे,
जो स्कूल के सामने 60 फीट सड़क को छोड़कर दूसरी तरफ मौजूद थे।
यानी:

📌 आरटीआई एक्टिविस्ट का खुलासा

इसके बाद उदयपुर के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार जयवंत भैरविया ने इस गोरखधंधे के खुलासे के लिए मुख्य सचिव को दस्तावेज़ों के साथ शिकायत भेजी।
वहां से उदयपुर की यूडीए को जांच के आदेश हुए और एक कमेटी बनी।

सरकार को भेजी गई 26 जून 2025 की रिपोर्ट में लिखा गया:


“सर्वे अनुसार साइट प्लान मिलान करने में ओवरलेपिंग मिसमैच होने के कारण:

  • निजी खातेदारी खसरे, राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा) के
    आराजी संख्या 3731 से 3734, 3736 से 3746 कुल रकबा 4.1200 हेक्टेयर (4,43,312 वर्गफीट) भूमि तथा
    इससे लगती हुई पश्चिम दिशा की न्यास भूमि आराजी नम्बर 3735 पार्ट, 3729 पार्ट में से 3,04,920 वर्गफीट आवंटित भूमि (2,93,757 वर्गफीट भूमि का लाइसेंस) के बीच
    गेप भूमि 23,894 वर्गफीट होना प्रतीत होती है।
  • निजी खातेदारी भूमि में से शेष 36,735 वर्गफीट (4,43,312 – 4,06,577 = 36,735) भूमि एवं
    न्यास भूमि के आवंटन एवं जारी लाइसेंस के बीच अंतर 11,163 वर्गफीट भूमि (3,04,920 – 2,93,757 = 11,163)।
  • कुल शेष भूमि: 36,735 + 11,163 = 47,898 वर्गफीट।
  • इसमें से:
    • 23,894 वर्गफीट भूमि संस्था के परिसर के अंदर।
    • 24,004 वर्गफीट भूमि सड़क मार्गाधिकार में।
  • निजी खातेदारी भूमि का साइट प्लान एवं आवंटित भूमि के साइट प्लान को आपस में मिलाने पर बीच में 23,894 वर्गफीट भूमि का गेप होना प्रतीत होता है,
    किन्तु यह गेप वाली भूमि उक्त शेष 47,898 वर्गफीट भूमि में से ही है, जिसका आवंटन/पट्टा विलेख जारी होना शेष है।
  • उक्त गेप भूमि 23,894 वर्गफीट में सोसायटी को आवंटित न्यास भूमि 11,163 वर्गफीट एवं 12,731 वर्गफीट भूमि सोसायटी की 90-बी शुदा निजी खातेदारी भूमि है।
  • अतः शेष भूमि 47,898 वर्गफीट में से गेप वाली भूमि 23,894 वर्गफीट को घटाने के पश्चात शेष 24,004 वर्गफीट भूमि सड़क के क्षेत्रफल में स्थित है।”

📰 DPS मंगलम सोसायटी – जमीन कब्जा और विवाद का सारांश

📌 DPS चेयरमैन का पत्र (1 अगस्त 2022)


📌 कब्जाई जमीन पर अलग-अलग सर्वे रिपोर्टें


📌 मुख्य सचिव को शिकायत और जांच (2025)

📝 21 अप्रैल 2025 रिपोर्ट:

📝 26 जून 2025 रिपोर्ट:


📌 UDA जांच रिपोर्ट (कुल भूमि का हिसाब)


📌 जमीन का मूल्य और राजस्व हानि

इस आधार पर लगभग ₹25 करोड़ की राजस्व हानि बताई जा रही है। रूपनगर (भुवाणा) की राजकीय भूमि का मूल्य ऑडिट रिपोर्ट में ₹5,160 प्रति वर्गफीट आँका गया।

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