जयपुर | राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) में नए कुलपति की नियुक्ति के बाद पुराने फैसलों में बदलाव किया जा रहा है। बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल और बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी कोर्स में एडमिशन के लिए NEET परीक्षा देने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। अब शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पहले की तरह यूनिवर्सिटी स्तर पर एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जाएगा, जिसके आधार पर काउंसलिंग के जरिए कॉलेज आवंटित होंगे।
2026-27 से लागू होगी NEET की अनिवार्यता
RUHS के कुलपति डॉ. प्रमोद येवले द्वारा जारी संशोधित नोटिफिकेशन के अनुसार, NEET की अनिवार्यता अब अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू की जाएगी। यानी इस साल के लिए स्टूडेंट्स को राहत दी गई है, और वे यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के जरिए ही इन कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे।
छात्रों के विरोध के बाद लिया गया फैसला
NEET अनिवार्य किए जाने के फैसले के खिलाफ प्रदेशभर के सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था। तीन दिन पहले RUHS परिसर के बाहर भी छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया और तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल के फैसले को वापस लेने की मांग की थी।
छात्रों ने क्यों किया था विरोध?
छात्रों का कहना था कि:
- NEET फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 7 मार्च थी, और समय बहुत कम था।
- 6 मार्च से 12वीं बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई है, जिससे वे NEET स्तर की तैयारी नहीं कर सकते थे।
- NEET परीक्षा होने में अब सिर्फ 2 महीने बचे हैं, जो तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं है।
छात्रों के लगातार विरोध के बाद RUHS प्रशासन ने छात्रों की मांग मानते हुए इस साल के लिए NEET की अनिवार्यता को खत्म कर दिया।
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