24 न्यूज अपडेट, बांसवाड़ा। बांसवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित राजकीय बाल संप्रेषण गृह में शुक्रवार रात एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है। यहां रखे गए चार किशोर फरार हो गए, जो नाबालिग से दुष्कर्म, लूट और चोरी जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त थे। यह घटना न केवल बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि कर्मचारियों की सतर्कता पर भी गंभीर संदेह उत्पन्न करती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, किशोरों ने सुनियोजित तरीके से फरार होने की योजना बनाई। उन्होंने पहले कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे को कपड़े से ढक दिया, जिससे उनकी हरकतें रिकॉर्ड न हो सकें। इसके बाद किसी औजार की मदद से कमरे की दीवार में छेद किया और फिर तारों को काटकर परिसर से भाग निकले।
घटना का खुलासा शनिवार सुबह उस समय हुआ जब ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों ने किशोरों की गैरमौजूदगी और दीवार में छेद देखा। तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई।
डीएसपी गोपीचंद मीणा ने बताया कि फरार किशोरों की तलाश के लिए पुलिस टीमें गठित कर दी गई हैं और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान जारी है। सभी थानों को अलर्ट किया गया है और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है। यह पहला मौका नहीं है जब संप्रेषण गृह से किशोर फरार हुए हों। पूर्व में भी कई बाल अपचारी सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर भाग चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि व्यवस्थागत खामियां लगातार नजरअंदाज की जा रही हैं।
पुलिस अब इस पहलू की भी जांच कर रही है कि क्या फरार होने में किसी बाहरी व्यक्ति की मदद ली गई थी। वहीं, संप्रेषण गृह के स्टाफ की भूमिका और लापरवाही की भी जांच की जा रही है। सुरक्षा चूक के इस गंभीर मामले ने जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा कर दिया है और अब पूरे घटनाक्रम की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
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