24 न्यूज अपडेट जोधपुर। राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल की पोती को जोधपुर स्थित एमबीएम इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय में सेमेस्टर परीक्षा के दौरान नकल करते हुए कथित रूप से पकड़ा गया। यह घटना एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग विषय की परीक्षा के दौरान हुई, जब फ्लाइंग स्क्वाड ने निरीक्षण के दौरान उनके कैलकुलेटर के कवर पर पेंसिल से लिखी गई जानकारी पाई, जिससे नकल की पुष्टि हुई।
फ्लाइंग स्क्वाड के सदस्यों डॉ. अंशु अग्रवाल और डॉ. मनीष कुमार ने इस मामले में नकल का केस बनाया और छात्रा को नई उत्तर पुस्तिका प्रदान की गई। हालांकि, परीक्षा केंद्र अधीक्षक डॉ. श्रवणराम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह नकल का केस नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि कैलकुलेटर के कवर पर कई बार ऐसे ही कुछ लिखा हो सकता है और इस मामले को नकल के तौर पर शामिल नहीं करने की सिफारिश की।
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “जब एक मंत्री की पोती को नकल करते पकड़ा जाता है और फिर उसे क्लीन चिट दी जाती है, तो यह शिक्षा व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।“ बेनीवाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन से पारदर्शी जांच की मांग की है और कहा कि यदि दोषी पाए जाते हैं, तो उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति गठित कर दी है। अब देखना यह है कि जांच समिति की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होती है या फिर लीपापोती कर दी जाती है।
हनुमान बेनीवाल ने अपनी सोशल मीडिया की पोस्ट में कहा कि राजस्थान पुलिस उप-निरीक्षक भर्ती 2021 को लेकर राजस्थान सरकार द्वारा गठित कैबिनेट सब-कमेटी के अध्यक्ष व राजस्थान सरकार के विधि मंत्री पहले अपने पद के प्रभाव से खुद के बेटे को उच्च न्यायालय में अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाते है, जन – विरोध के बाद बेटे को पद से त्याग पत्र दिलवाते है और उसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड का सरकारी अधिवक्ता बनाते है तथा आज जोगाराम जी की पौत्री जब नकल करते पकड़ी जाती है है और मंत्री जी लग जाते है मामला सेटलमेंट करवाने।
मेरी मुख्यमंत्री से मांग है कि ऐसे मंत्री को एसआई भर्ती से संबंधित गठित कैबिनेट सब-कमेटी के अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया जाए क्योंकि जो मंत्री अपने पद के प्रभाव से नियम विरुद्ध कार्य करवाने में माहिर हैं तथा जिनके आचरण में ही भ्रष्टाचार झलकता है उनसे राजस्थान के युवाओं को न्याय की अपेक्षा नहीं है।
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