24 News Update पुष्कर (अजमेर)। राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पुष्कर में बीते 24 घंटे की भारी बारिश ने 50 वर्षों बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल माने जाने वाले पुष्कर शहर का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है। अरावली की पहाड़ियों से आए तेज पानी ने शहर की सड़कों, मंदिरों, होटलों और घरों को अपनी चपेट में ले लिया है।
6 फीट तक पानी, 1000 घर डूबे, होटल खाली कराए
पुष्कर में लगभग 4 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे सावित्री मार्ग, बड़ी पुलिया, माली मोहल्ला और मिश्रा मोहल्ला जैसे क्षेत्रों में 5 से 6 फीट तक पानी भर गया। प्रशासन की ओर से अब तक करीब 1000 घरों को खाली कराया गया है और 5 होटलों में फंसे सैकड़ों पर्यटकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

सड़क पर तैरती नजर आईं गायें
शहर के बीचों-बीच पसरे पानी ने ऐसी तस्वीरें सामने लाईं, जो चौंकाने वाली हैं। सावित्री मार्ग पर गायें सड़कों पर तैरती नजर आईं, होटल, दुकानें और मकानों में पानी घुस गया। बड़ी पुलिया के पीछे एसडीआरएफ की टीम ने मकान में फंसे एक दंपती और उनके पालतू डॉग को सुरक्षित बाहर निकाला।
चारों ओर जल ही जल, बिजली और नेटवर्क ठप
वराह घाट, नरसिंह घाट, पुराना गंजी मंदिर, गुरुद्वारा क्षेत्र तक हर जगह पानी ही पानी। सुबह 8 बजे के आसपास पुष्कर सरोवर का जलस्तर 10 फीट से ऊपर चला गया, घाट की सीढ़ियां तक डूब गईं। बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित रही और मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया।
बूढ़ा पुष्कर क्षेत्र में अजमेर रोड पर इतना जलभराव हो गया कि लोगों को ट्रैक्टर पर बैठाकर रास्ता पार करवाना पड़ा। कस्बे में जगह-जगह लोग छतों और ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं। सावित्री मार्ग के दुकानदारों ने बताया कि उनकी दुकानों में 3 से 4 फीट पानी घुस गया और प्रति दिन का 20 से 30 हजार का नुकसान हुआ है। एक होटल मालिक ने बताया कि बेसमेंट तक पानी भर गया और पर्यटकों को ऊपरी मंजिलों से बाहर निकालना पड़ा। स्थानीय निवासी विनोद पाराशर का कहना है कि जहां पहले पानी जमा होता था, वहां अब निर्माण कर दिया गया है। इसका सारा दबाव सावित्री मार्ग जैसे इलाकों पर आ गया है।
1975 जैसी बाढ़ के हालात, फिर दोहराया गया इतिहास
सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर के अनुसार, 18 जुलाई 1975 को पुष्कर में ऐसी ही भीषण बाढ़ आई थी। लगातार बारिश से पुष्कर सरोवर का जलस्तर 27 फीट पार कर गया है। पाराशर ने बताया कि 1975 की बाढ़ के बाद यह सबसे भीषण स्थिति है। प्रशासन, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। वहीं मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.