24 न्यूज अपडेट जयपुर। राजस्थान की राजनीति में पहली बार किसी सिटिंग विधायक की रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी ने सनसनी फैला दी है। भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बागीदौरा से विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने पटेल और उनके चचेरे भाई विष्णु पटेल को दो दिन की रिमांड पर भेज दिया है। सोमवार को एसीबी ने 20 लाख रुपये की रिश्वत की राशि बरामद कर ली, हालांकि यह खुलासा नहीं किया गया कि यह राशि किस स्थान से और किस व्यक्ति के पास से मिली। गौरतलब है कि 4 मई को जयकृष्ण पटेल के सरकारी आवास पर छापे के दौरान एक व्यक्ति यह रकम लेकर भाग गया था, जो अब बरामद कर ली गई है।
कोर्ट में पेशी के बाद विधायक जयकृष्ण पटेल ने मीडिया से कहा कि उन्हें साजिशन फंसाया जा रहा है और उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया है। इसके बाद ACB की टीम उन्हें मुख्यालय लेकर गई। ACB ने जयपुर स्थित विधायक क्वार्टर्स के सभी CCTV फुटेज सीज कर लिए हैं और सर्वर रूम की एफएसएल से जांच करवाई जाएगी ताकि डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित रह सकें।
ACB जांच में यह भी सामने आया है कि विधायक ने खनन कंपनी संचालक रवींद्र सिंह को बार-बार धमकाया और ब्लैकमेल किया। वह रवींद्र से कहता था कि उसका वर्चस्व इतना है कि विधानसभा में सरकार भी चुप रहती है, और यदि ढाई करोड़ रुपये नहीं दिए तो 15 मई तक उसे बर्बाद कर देगा। देरी होने पर खनन विभाग के अधिकारियों से खदान बंद करवा देने की भी धमकी दी गई। बताया गया कि फरवरी से अब तक विधायक ने चार बार धमकी दी और अपने चचेरे भाई के जरिए बातचीत करवाई। इतना ही नहीं, उन्होंने खनन से जुड़े तीन सवाल विधानसभा में लगाए और फिर उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की, जिसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह एक गलत परंपरा की शुरुआत है और ऐसे मामलों में अंतिम निर्णय अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा।
इस घटनाक्रम पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि अगर जांच में आरोप सही साबित होते हैं तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हमें सोचने की जरूरत है कि प्रदेश को कैसे नेता चाहिए। उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने इस प्रकरण को BAP की असलियत बताया और कहा कि आदिवासियों को ऐसे राष्ट्रविरोधी तत्वों को पहचानना चाहिए। वहीं पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने कहा कि जब अचानक किसी को पैसा मिलता है, तो वह मर्यादा भूल जाता है और इस घटना ने राजनीति और समाज को कलंकित किया है।
24 न्यूज अपडेट, जयपुर। राजस्थान की राजनीति में पहली बार किसी सिटिंग विधायक की रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी ने सनसनी फैला दी है। भारत आदिवासी पार्टी के बागीदौरा से विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने पटेल और उनके चचेरे भाई विष्णु पटेल को दो दिन की रिमांड पर भेज दिया है। सोमवार को एसीबी ने 20 लाख रुपये की रिश्वत की राशि बरामद कर ली, हालांकि यह खुलासा नहीं किया गया कि यह राशि किस स्थान से और किस व्यक्ति के पास से मिली। गौरतलब है कि 4 मई को जयकृष्ण पटेल के सरकारी आवास पर छापे के दौरान एक व्यक्ति यह रकम लेकर भाग गया था, जो अब बरामद कर ली गई है।
कोर्ट में पेशी के बाद विधायक जयकृष्ण पटेल ने मीडिया से कहा कि उन्हें साजिशन फंसाया जा रहा है और उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया है। इसके बाद ।ब्ठ की टीम उन्हें मुख्यालय लेकर गई। ।ब्ठ ने जयपुर स्थित विधायक क्वार्टर्स के सभी फुटेज सीज कर लिए हैं और सर्वर रूम की एफएसएल से जांच करवाई जाएगी ताकि डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित रह सकें। जांच में यह भी सामने आया है कि विधायक ने खनन कंपनी संचालक रवींद्र सिंह को बार-बार धमकाया और ब्लैकमेल किया। वह रवींद्र से कहता था कि उसका वर्चस्व इतना है कि विधानसभा में सरकार भी चुप रहती है, और यदि ढाई करोड़ रुपये नहीं दिए तो 15 मई तक उसे बर्बाद कर देगा। देरी होने पर खनन विभाग के अधिकारियों से खदान बंद करवा देने की भी धमकी दी गई। बताया गया कि फरवरी से अब तक विधायक ने चार बार धमकी दी और अपने चचेरे भाई के जरिए बातचीत करवाई। इतना ही नहीं, उन्होंने खनन से जुड़े तीन सवाल विधानसभा में लगाए और फिर उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की, जिसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह एक गलत परंपरा की शुरुआत है और ऐसे मामलों में अंतिम निर्णय अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा। इस घटनाक्रम पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि अगर जांच में आरोप सही साबित होते हैं तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हमें सोचने की जरूरत है कि प्रदेश को कैसे नेता चाहिए। उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने इस प्रकरण को ठ।च् की असलियत बताया और कहा कि आदिवासियों को ऐसे राष्ट्रविरोधी तत्वों को पहचानना चाहिए। वहीं पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने कहा कि जब अचानक किसी को पैसा मिलता है, तो वह मर्यादा भूल जाता है और इस घटना ने राजनीति और समाज को कलंकित किया है।
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