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चित्तौड़गढ़ में नकली नोट गैंग का भंडाफोड़: दुकानदारों को बनाया निशाना, बड़े गिरोह की आशंका

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चित्तौड़गढ़, 17 सितंबर 2025 – राजस्थान के ऐतिहासिक शहर चित्तौड़गढ़ में नकली नोट चलाने वाले गैंग का बड़ा पर्दाफाश हुआ है। कोतवाली थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन युवकों को नकली ₹500 के नोट के साथ गिरफ्तार किया है। इन युवकों ने खासतौर पर सब्जी मंडी और आसपास के छोटे दुकानदारों को अपना निशाना बनाया, जहां पूछताछ की संभावना कम थी।
घटना मंगलवार रात की है, जब एक महिला सब्जी विक्रेता ने आरोपी युवक को पहचान लिया और हिन्दू संगठन से जुड़े धर्मेश भारती को इसकी सूचना दी। धर्मेश ने पावटा चौक के पास योजना बनाकर युवक को रंगे हाथों पकड़ा। युवक ने एक गुमटी से सिगरेट खरीदते समय 500 रुपए का नकली नोट दुकानदार को थमाया, जिसे चेक किया गया तो नकली निकला। इसके बाद अन्य दुकानदारों ने भी मिलकर आरोपी युवक को पकड़कर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस के अनुसार पकड़े गए युवक के पास से लगभग 30 नकली नोट बरामद हुए। प्रारंभिक पूछताछ में युवक ने स्वीकार किया कि उसके साथ दो और साथी हैं, जिनके साथ मिलकर यह गिरोह नकली नोटों का कारोबार कर रहा था। सभी आरोपी – आसिफ अली (27) निवासी झालावाड़, आदिल खान (27) निवासी सारोला, झालावाड़, और शाहनवाज खान (27) निवासी कैथून, कोटा – चित्तौड़गढ़ घूमने का बहाना बना कर आए थे, लेकिन असली उद्देश्य नकली नोट चलाना था। तीनों होटल में रुके थे और वहीं से नकली नोट बाजारों में लेकर घूमते थे।
थानाधिकारी तुलसीराम प्रजापत ने बताया कि नकली नोटों की जांच के साथ-साथ यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन्हें कहां से लाया गया और क्या इनके पीछे कोई बड़ा गिरोह तो नहीं है। शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि गैंग छोटे दुकानदारों को ही निशाना बना रहा था, क्योंकि वहां अधिक सतर्कता नहीं रहती।
यह घटनाक्रम एक बार फिर प्रशासन की चुप्पी पर सवाल खड़ा करता है। कई दुकानदारों ने पहले भी नकली नोट मिलने की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तभी तो यह गिरोह खुलेआम सक्रिय हो पाया।
कोतवाली पुलिस ने सभी दुकानदारों से विशेष अपील की है कि वे प्राप्त नोटों की जांच करें और संदिग्ध गतिविधि होने पर तत्काल सूचना दें। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और उनसे गहराई से पूछताछ जारी है।
यह पूरे शहर के लिए चेतावनी बन चुका है कि नाक के नीचे ऐसे अपराधों को बढ़ने से पहले रोका जाना चाहिए। समय रहते सख्त कदम न उठाए गए तो बड़े आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।

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