24 news Update उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि साहित्य केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि समाज को नई दिशा देने वाला प्रकाश-स्तंभ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र, समाज और धर्म के प्रति समर्पित साहित्य व्यक्ति को यह समझने की शक्ति देता है कि जीवन की वास्तविक सार्थकता क्या है और वह अपने कर्तव्य पथ पर किस तरह अग्रसर हो।
होसबाले उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में ‘राष्ट्रीय साहित्य दीर्घा’ के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति अपने जीवन का योगदान देश और समाज के सशक्तिकरण में देता है, तभी उसका जीवन सार्थक बनता है — और इसी भाव को जगाने में साहित्य की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट साहित्य व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारता है, चरित्र को ऊँचा उठाता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन का आधार बनता है। उन्होंने हर व्यक्ति से आग्रह किया कि श्रेष्ठ साहित्य को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, क्योंकि ज्ञान से भरा साहित्य ही जीवन की दिशा निर्धारित करता है।
प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि केन्द्र के भामाशाह विक्रय केन्द्र पर ज्ञान गंगा प्रकाशन द्वारा ‘राष्ट्रीय साहित्य दीर्घा’ की स्थापना की गई है। इस दीर्घा में राष्ट्रभक्ति, संस्कृति और सामाजिक उत्थान से जुड़े विशिष्ट साहित्य का स्थायी रूप से प्रदर्शन रहेगा। कार्यक्रम में अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन, अखिल भारतीय सामाजिक सद्भाव प्रमुख बलिराम, क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी, क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह राठौड़, प्रांत सह प्रचारक धर्मेन्द्र सिंह, प्रांत संघचालक एडवोकेट जगदीश राणा सहित कई पदाधिकारी व समाजजनों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
“उत्कृष्ट साहित्य जीवन की दिशा तय करता है” — सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबालेप्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में ‘राष्ट्रीय साहित्य दीर्घा’ का शुभारंभ

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