24 News Update द्वारका। गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट और संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। जिले के 21 निर्जन द्वीपों पर 30 मई से 28 जुलाई 2025 तक जन-सामान्य के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किया गया है और इसका उल्लंघन कानूनन दंडनीय होगा। आदेश के अनुसार इन द्वीपों में प्रवेश करने के लिए संबंधित प्रांतीय अधिकारी अथवा उप-विभागीय मजिस्ट्रेट से पूर्व लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा। यह निर्णय द्वीपों की भौगोलिक संवेदनशीलता, असामाजिक तत्वों की संभावित गतिविधियां, और आतंकी खतरे को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
24 में से 21 द्वीप रहेंगे प्रतिबंधित
देवभूमि द्वारका जिले में कुल 24 द्वीप हैं, जिनमें से केवल दो द्वीपों पर ही मानव बस्ती है। नरारा द्वीप को 2016 से कुछ शर्तों के अधीन परमिट से छूट प्राप्त है, इसलिए वहां विशेष परिस्थितियों में आमद-रफ्त बनी रह सकती है। शेष द्वीप पूरी तरह निर्जन हैं लेकिन वहां धार्मिक स्थल स्थित हैं, जहां आमतौर पर श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। सूत्रों के अनुसार इन द्वीपों का दुर्गम भूगोल और सीमावर्ती स्थिति उन्हें तस्करी, गैरकानूनी गतिविधियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों की आवाजाही के लिए संवेदनशील बनाता है। आतंकी संगठनों द्वारा रणनीतिक स्थानों पर हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने की सिफारिश की थी, जिसके आधार पर यह आदेश लागू किया गया।
ये हैं वे 21 द्वीप, जहां प्रवेश निषेध
प्रतिबंधित द्वीपों में धानी, गांधीयोकडो, कालुभर, रोजी, पानेरो, गडू, सानबेली, खिमारोघाट, आशाबापीर, भैदर, चांक, धबधबो, दीवडी, सामियाणी, नोरू, मान मरुडी, लेफा मरुडी, लंधा मरुडी, कोठानु जंगल, खारा मीठा चुश्ना और कुडचली शामिल हैं।

