उदयपुर, 19 दिसंबर। आरसीए गर्ल्स हॉस्टल में व्यसन मुक्त भारत अभियान के तहत नशा मुक्ति जागरण अभियान का आयोजन किया गया। जिला समिति के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर पी. सी. जैन ने छात्राओं के बीच यह अभियान प्रारंभ करते हुए कहा कि समाचार पत्र समाज में नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
छात्राओं ने अपने-अपने हाथ में प्रकाशित नशा मुक्ति से संबंधित समाचार पढ़कर उपस्थित सभी को जागरूक किया और सतर्क रहने का संदेश दिया। आरसीए कॉलेज के डीन डॉक्टर मनोज मलार ने डॉक्टर पी. सी. जैन का परिचय कराया और इस अभियान को नियमित रूप से चलाने का आग्रह किया।
डॉक्टर पी. सी. जैन ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि एक सिगरेट से निकलने वाले धुएं में कितना हानिकारक पदार्थ होता है, जो फेफड़ों में जम जाता है। उन्होंने गुटखा, तंबाकू, शराब और गांजा जैसे नशों के पुरुष और स्त्री के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों की तुलना भी की और बताया कि स्त्री की शारीरिक व मानसिक रचना के कारण नशों का प्रभाव अधिक गंभीर होता है।
साथ ही उन्होंने प्रेगनेंसी में अत्यधिक स्क्रीन टाइम वाले माता के बच्चों में शैक्षणिक और भाषा संबंधी कठिनाइयों का उदाहरण देते हुए छात्राओं से पूछा कि क्या कोई मां ऐसे मंदबुद्धि बच्चे को चाहेगी, जिस पर सभी ने “नहीं” कहा।

कार्यक्रम में छात्राओं को शराब का पता लगाने के लिए “ब्रेथ एनालाइज़र” और तंबाकू का पता लगाने के लिए “4 फिंगर टेस्ट” का प्रयोग भी करवाया गया। अंत में छात्राओं ने नशा मुक्ति नृत्य और गीत प्रस्तुत किए, जिसमें “आजा रे अब मेरा दिल पुकारे” और “रो रो के घर के सारे, बदनाम ना हो यह नशा” शामिल थे।
वार्डन डॉक्टर पूजा शर्मा और असिस्टेंट वार्डन गरिमा चौधरी ने इस प्रकार के कार्यक्रमों को हर दो-तीन माह में आयोजित करने का आग्रह किया। कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर पी. सी. जैन ने सभी छात्राओं से नशा न करने और नशा मुक्ति अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
इस अभियान में लक्षिता चौहान, पारुल उपाध्याय, पायल चौधरी, पुष्पा मीणा, सचिन कुमारी, अनीता धनकर और मुनीश गुर्जर ने सक्रिय भाग लिया।
यह जानकारी रामनारायण कुम्हार मीडिया प्रकोष्ठ एवं सह-जन संपर्क अधिकारी महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने दी।
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