24 News Udpate उदयपुर। राजस्थान के राज्यपाल एवं महाराणा प्रताप कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने डॉ. प्रताप सिंह को विश्वविद्यालय का नया कुलगुरु (कुलपति) नियुक्त किया है।
राज्यपाल ने यह नियुक्ति विश्वविद्यालय अधिनियम 2000 (यथा संशोधित) की धारा 24 (3) एवं (7) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की। डॉ. सिंह वर्तमान में कृषि विश्वविद्यालय, कोटा में निदेशक (विस्तार) के पद पर कार्यरत थे। आदेश के अनुसार, डॉ. प्रताप सिंह कार्यभार संभालने की तिथि से तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक, इनमें से जो भी पहले हो, कुलपति पद पर बने रहेंगे। यह नियुक्ति सक्षम प्राधिकारी द्वारा सतर्कता अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने पर प्रभावी होगी।
डॉ. सिंह का शैक्षणिक और व्यावसायिक सफर:
डॉ. सिंह ने स्नातक की डिग्री कृषि महाविद्यालय, जोबनेर (राज. कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर) से प्राप्त की।
उन्होंने पीएचडी (एग्रोनॉमी) कृषि महाविद्यालय, उदयपुर से और ग्रामीण विकास में डिप्लोमा (1995) इग्नू, नई दिल्ली से प्राप्त किया।
कैरियर:
जून 1992 में तिलम संघ, कोटा (सहकारिता विभाग) में सहकारी सहायक के रूप में करियर की शुरुआत।
मई 1996 में एआरएस, कोटा में सोयाबीन पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना में सहायक आचार्य (शस्य विज्ञान)।
बाद में जल प्रबंधन पर एआईसीआरपी, एआरएस, कोटा में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर।
26 फरवरी 2016 से अगस्त 2024 तक कृषि विश्वविद्यालय, कोटा में निदेशक अनुसंधान और 6 अगस्त 2024 से निदेशक, प्रसार शिक्षा का कार्यभार सभाला।
अनुसंधान और योगदान:
सोयाबीन और जल प्रबंधन प्रौद्योगिकियों में 21 तकनीकें विकसित, शाकनाशी सहित विभिन्न उत्पादन प्रौद्योगिकियों की सिफारिश।
90+ शोध पत्र, 9 तकनीकी बुलेटिन, 1 पुस्तक अध्याय, कई प्रशिक्षण सामग्रियां और सफलता कहानियां प्रकाशित।
विभिन्न पेशेवर सोसाइटीज के सदस्य और भारतीय खरपतवार विज्ञान सोसाइटी के पार्षद।
अगस्त 1999 में अमेरिका (शिकागो) का शोध दौरा।
जल संसाधन मंत्रालय और विश्व बैंक की परियोजनाओं में नेतृत्व और प्रशिक्षण।
कृषि में विशिष्ट योगदान के लिए अगस्त 2011 में माननीय कृषि राज्य मंत्री द्वारा सम्मानित।
डॉ. प्रताप सिंह बने महाराणा प्रताप कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति

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