24 न्यूज़ अपडेट | उदयपुर — विश्व प्रसिद्ध स्वर्ण शिल्पी और 100 से अधिक विश्व रिकॉर्ड्स के धारक डॉ. इकबाल सक्का ने एक बार फिर कला और सटीकता की दुनिया में नया कीर्तिमान रच दिया है। उन्होंने मात्र 50 मिलीग्राम सोने से ‘इंसाफ की तिरंगी पारंपरिक तराजू’ का ऐसा लघु मॉडल तैयार किया है, जिसे केवल लेंस की मदद से देखा जा सकता है। यह तराजू अब तक की दुनिया की सबसे छोटी पारंपरिक इंसाफ की तराजू मानी जा रही है।
🎯 3 एमएम की तराजू, 1 एमएम के पल्ले और आधा-आधा मिलीमीटर के बाट
डॉ. सक्का द्वारा तैयार की गई इस तराजू की लंबाई केवल 3 मिलीमीटर है। इसके दोनों पल्ले 1 मिलीमीटर, पकड़ने का कुंडा 1 मिलीमीटर, और बाट (छलांग, सेर, मन, पंसारी के माप) आधा-आधा मिलीमीटर के बनाए गए हैं।
यह तराजू 10 मिलीग्राम से 100 मिलीग्राम तक के वजन की सटीक माप करने में सक्षम है।
⏳ 3 दिनों की मेहनत, 50 मिलीग्राम सोना
इस बेमिसाल लघु तराजू को बनाने में डॉ. सक्का को लगातार 3 दिन का समय लगा। पूरी तराजू को बेहद बारीकी और संतुलन के साथ 50 मिलीग्राम सोने से तैयार किया गया है। यह तराजू ना केवल वैज्ञानिक सूक्ष्मता का उदाहरण है, बल्कि इसमें भारतीय न्याय व्यवस्था के प्रतीक ‘इंसाफ’ को तीन रंगों के रूप में दर्शाया गया है, जो इसे और भी खास बनाता है।
🏆 लिम्का बुक रिकॉर्ड तोड़ा
इससे पहले मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर के एक शिल्पी ने 9 ग्राम चांदी से बनी 1 इंच की तराजू बनाकर लिम्का बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया था। लेकिन डॉ. सक्का की इस नई रचना ने उस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए एक नया वैश्विक मानक स्थापित कर दिया है।
🏛️ इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेंट की इच्छा, राष्ट्रपति को लिखा पत्र
डॉ. सक्का ने इस ऐतिहासिक तराजू को देश की सर्वोच्च अदालतों में से एक इलाहाबाद हाईकोर्ट को भेंट करने की इच्छा जताई है। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उनका मानना है कि यह ‘तराजू’ न्याय की प्रतीकात्मक प्रस्तुति के रूप में देश की न्याय व्यवस्था को समर्पित होनी चाहिए।
📘 लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दावेदारी
डॉ. सक्का ने इस कृति को लेकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ‘विश्व की सबसे छोटी तिरंगी इंसाफ की तराजू’ के रूप में रिकॉर्ड दर्ज करवाने के लिए दावा भी प्रस्तुत कर दिया है। उनके अनुसार यह तराजू विधि, न्याय और सांस्कृतिक प्रतीकों का संगम है।

