24 news updte सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। दीपावली के पावन पर्व पर मंगलवार और बुधवार को क्षेत्र में लोगों ने आपसी सद्भावना के साथ छोटे-बड़ों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और एक-दूसरे को दीपावली व नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
सायंकाल से लेकर देर रात तक और प्रातः से ही लोग घरों के बाहर आतिशबाजी करते रहे। इस वर्ष लोगों ने दो धनतेरस और दो दीपावली का त्यौहार मनाया।
दो धनतेरस 19 और 20 अक्टूबर तथा दीपावली 20 और 21 अक्टूबर को मनाई गई। कुछ लोगों ने सोमवार शाम को पूजन कर देर रात तक उत्सव मनाया, जबकि अन्य ने मंगलवार सुबह से दोपहर तक पूजा-अर्चना की। मुख्य दीपावली 22 अक्टूबर को मनाई गई।
बुधवार को व्यापारियों ने शुभ मुहूर्त के अनुसार अपनी दुकानें खोलीं। नगर और आस-पास के गांवों से लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देने पहुंचे। छोटे बच्चों ने बड़ों के चरण स्पर्श किए और हमउम्रों ने गले मिलकर दीपावली की बधाई दी। बाजारों में रेडीमेड कपड़े, जूते, आतिशबाजी, किराणा और मिठाई की दुकानों पर भारी भीड़ रही। शुभ मुहूर्त में नगर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर लक्ष्मी पूजन कर आतिशबाजी की।
देर शाम को व्यापारी परिवार सहित बाजार में निकले और दीपावली का आनंद लिया। मुख्य सड़कों पर पानी पूरी, चाट, पकौड़े और ठंडे पेय की लारियों पर परिवार सहित नाश्ता करते हुए लोग दीपावली का उल्लास मनाते दिखे। बुधवार सुबह नववर्ष के अवसर पर व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोलकर व्यापार प्रारंभ किया। सभी ने एक-दूसरे की दुकानों पर जाकर मुंह मीठा किया और नववर्ष की शुभकामनाएँ दीं।
इस वर्ष लोगों में विशेष उत्साह देखने को मिला। सोमवार और मंगलवार की रात पूजन के बाद देर रात तक आतिशबाजी होती रही। लोग परिवार सहित घरों और बाजार में घूमने निकले। नववर्ष पर मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन किए और सुख-समृद्धि की कामना की।
नवविवाहितों के दीपावली आने के पारंपरिक आयोजन भी किए गए।
कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस उपअधीक्षक रूपसिंह के निर्देशन में थाना प्रभारी मदनलाल खटीक के नेतृत्व में मंडावी चौक, पाला का कोठा, पुराना बस स्टैंड चौराहा, बैंक तिराहा, हॉस्पिटल ढ़ाला आदि जगहों पर पुलिस व ट्रैफिक जाब्ता तैनात रहा। जवानों ने गश्त कर शांति बनाए रखी।
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव
दीपावली के बाद बुधवार को क्षेत्र में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव श्रद्धा व परंपरा के साथ मनाया गया। नगर व ग्रामीण इलाकों में लोगों ने मेरियू की रस्म निभाई, एक-दूसरे से गले मिलकर नववर्ष की शुभकामनाएँ दीं। गाय-बैल और अन्य पशुओं की पूजा की गई। मंदिरों में अन्नकूट के रूप में भगवान को विभिन्न प्रकार के व्यंजन अर्पित किए गए। रामद्वारा में रामस्नेही परिवारजन आद्याचार्य स्वामी रामचरण महाराज के दर्शन कर आरती में शामिल हुए। संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया और एक-दूसरे को नववर्ष की बधाइयाँ दीं।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.