24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के लेखा एवं व्यावसायिक सांख्यिकी विभाग द्वारा रूसा 2.0 करियर हब परियोजना के अंतर्गत तीन दिवसीय टैली कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का आयोजन विभाग की लेखांकन लैब में किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों तथा लेखांकन के क्षेत्र में कार्यरत लेखाकारों को तकनीकी दक्षता के साथ व्यावहारिक लेखांकन ज्ञान प्रदान करना है, ताकि वे या तो रोजगार प्राप्त कर सकें या स्वयं की लेखांकन फर्म स्थापित कर सकें।
विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि “आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में केवल पुस्तकीय ज्ञान पर्याप्त नहीं है। छात्रों को उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करना समय की मांग है। वर्तमान में विश्वभर में अधिकांश लेखांकन कार्य आउटसोर्सिंग पर हो रहे हैं। उदयपुर में भी अकाउंटेंट यूके, यूएसए आदि देशों के लेखांकन कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए प्रति घंटे 8 से 12 डॉलर तक का भुगतान किया जाता है। स्किल-आधारित कार्यशालाएं छात्रों को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनके करियर निर्माण में सहायक सिद्ध होती हैं।“ उन्होंने बताया कि विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत प्रैक्टिकल कोर्स भी प्रारंभ किए हैं, जिनको पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित फैकल्टी की आवश्यकता है और यह कार्यशाला उस कमी को पूरा करेगी। कार्यक्रम में एसोसिएट डीन एवं कार्यशाला की कन्वीनर डॉ. शिल्पा वार्डिया ने कहा कि “भारत में प्रतिवर्ष लगभग 43 लाख छात्र स्नातक की डिग्री प्राप्त करते हैं, लेकिन उनमें से केवल 5 प्रतिशत से भी कम को त्वरित रोजगार मिल पाता है। इसका मुख्य कारण तकनीकी एवं व्यावहारिक ज्ञान की कमी है।“ कार्यशाला में विद्यार्थियों को टैली सॉफ्टवेयर के माध्यम से आधुनिक लेखांकन प्रणाली, जीएसटी बिलिंग, इनकम टैक्स रिपोर्टिंग और फाइनेंशियल एनालिसिस जैसे विषयों की व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण का संचालन विषय-विशेषज्ञ सीए (डॉ.) हेमंत कडुनिया एवं सीए (डॉ.) हितेश कुदाल द्वारा किया जा रहा है, जिनके पास लेखांकन क्षेत्र का कई वर्षों का अनुभव है। छात्रों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता करते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण उन्हें कॉर्पोरेट क्षेत्र की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने और स्वयं को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने में सहायक सिद्ध होगा। कई छात्रों ने कहा कि पहली बार उन्हें टैली जैसे अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की इतनी गहराई से जानकारी मिल रही है, जो उनके करियर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. बी.एल. वर्मा ने कहा कि विभाग की यह पहल न केवल विद्यार्थियों के लिए लाभकारी है, बल्कि विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण, उद्योगोन्मुख और व्यवहारिक शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
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